Russian Women Molestation Case: आरोपित कर्नल की बहनों ने दंपती पर लगाए आरोप, कहा - 25 लाख न देने पर लिखाया मुकदमा
पीडि़त दंपती पर लगाए गंभीर आरोप अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। दोस्त की रशियन मूल की पत्नी से दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजा गया था आरोपित कर्नल। आइजी दफ्तर के बाद तीनों महिलाएं एसएसपी दफ्तर पहुंचकर एसपी पश्चिम से भी मिलीं और यहां भी प्रार्थनापत्र दिया।
कानपुर, जेएनएन। दुष्कर्म मामले में जेल भेजे गए कर्नल नीरज गहलोत की दोनों बहनों ने मंगलवार को आइजी मोहित अग्रवाल और एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार को प्रार्थना पत्र देकर निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कर्नल को बेकसूर बताते हुए पीडि़त दंपती पर ही गंभीर आरोप लगाए। एसपी ने सुबूत मांगे हैं और इसके बाद आरोपों की जांच कराने का भरोसा दिलाया है।
मेडिकल रिपोर्ट में हुई थी दुष्कर्म की पुष्टि
लखनऊ निवासी दोस्त की रशियन मूल की पत्नी के साथ दुष्कर्म के मामले में छावनी पुलिस ने सीओडी के कर्नल नीरज गहलोत को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस ने महिला का मेडिकल कराया तो दुष्कर्म की पुष्टि भी हुई थी। साथ ही महिला के शरीर पर चोटों के भी निशान मिले थे। मंगलवार को आरोपित की दो बहनों व एक भांजी ने आइजी रेंज के दफ्तर पहुंचकर प्रार्थना पत्र दिया।
कर्नल की बहनों के गंभीर आरोप
- महिला व उसके पति ने बयान में कहा है कि कर्नल ने ङ्क्षड्रक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया था। इससे वह बेहोश हो गए, लेकिन पुलिस की जांच में कर्नल के आवास से ऐसी कोई वस्तु नहीं मिली, जिसे पिलाने से कोई बेहोश हो सके।
- मुकदमा लिखवाने वाले दंपती, कर्नल को काफी समय से ब्लैकमेल करके 25 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। इन्कार करने पर उन्होंने झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी और आखिर में उन्होंने ऐसा ही किया।
अधिकारियों ने दिया जांच का आश्वासन
आइजी दफ्तर के बाद तीनों महिलाएं एसएसपी दफ्तर पहुंचकर एसपी पश्चिम से भी मिलीं और यहां भी प्रार्थनापत्र दिया। दोनों अधिकारियों ने कहा कि वह आरोपों की जांच कराएंगे।
अभी नहीं मिली सप्लीमेंट्री रिपोर्ट
पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल कराया था, लेकिन अब तक इसकी सप्लीमेंट्री जांच रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिली है। मंगलवार को मेडिकल करने वाली डॉक्टर से भी पुलिस ने संपर्क किया तो उन्होंने एक दो दिन में रिपोर्ट उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है।
इनका ये है कहना
छावनी थाना प्रभारी आदेश चंद्र ने बताया कि मेडिकल जांच के बाद पुलिस को केवल पैथोलॉजी रिपोर्ट मिली थी। सप्लीमेंट्री रिपोर्ट मांगी गई है। यह रिपोर्ट आने के बाद आरोपित के खिलाफ अभियोजन के लिए शासन से अनुमति भी मांगी जाएगी। इसके बाद ही आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया जाएगा।