Move to Jagran APP

Court Case: ...लेकिन केस अभी जिंदा है, 35 साल बाद अदालत में शुरू हुई सुनवाई

कानपुर की अदालत में 35 साल बाद दुष्कर्म के एक मामले में सुनवाई शुरू हुई है और पहली तारीख लगाई गई है। हाईकोर्ट का स्टे रद हाेने के बाद केस अब कोर्ट में शुरू हुआ है। इस दरमियान पीड़िता और आरोपित तथा दो गवाहों की मौत हो चुकी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 12:14 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 12:14 PM (IST)
Court Case: ...लेकिन केस अभी जिंदा है, 35 साल बाद अदालत में शुरू हुई सुनवाई
कानपुर की फौजदारी कोर्ट में केस की सुनवाई शुरू।

कानपुर, जेएनएन। वैसे तो अदालतों में हजारों की संख्या में मुकदमे विचाराधीन हैं लेकिन ये मामला कुछ अलग है। 35 साल बाद सोमवार को अदालत में मामला प्रस्तुत हुआ और सुनवाई की पहली तारीख भी तय कर दी गई। इस मुकदमे में पीड़िता और आरोपित दोनों की मौत हो चुकी है लेकिन केस अभी फाइलों में जिंदा है। कोर्ट में प्रस्तुत इस मामले की चर्चा लोगों की जुबां पर बनी रही।

loksabha election banner

जानिए, क्या था मामला

18 अक्टूबर 1985 को परमपुरवा जूही से नरेश पड़ोस में रहने वाली 14 वर्षीय को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया था। किशोरी के पिता ने नरेश, उसके भाई सुरेश, रमेश और बहन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उधर नरेश किशोरी को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) अपनी मौसी के घर ले गया, जहां पर उसे पनाह नहीं मिली। इसपर दोनों स्टेशन पर आ गए, जहां पर उन्हें पप्पू व श्रीचंद मिले और उनसे साथ में रखने को कहा। बातों में आकर नरेश उसके घर चला गया था। पप्पू ने नरेश के साथ रात में खूब शराब पी थी। नरेश के नशे में धुत हो जाने के बाद पप्पू और श्रीचंद ने किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म किया था। पुलिस ने किशोरी और नरेश को इलाहाबाद से बरामद किया था। किशोरी के बयान के आधार पर नरेश व उसके घरवालों पर अपहरण और पप्पू व श्रीचंद पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया था।

हाईकोर्ट से स्टे होने पर रुकी थी सुनवाई

पुलिस ने प्रकरण में 25 नवंबर 1985 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। 22 जुलाई 1986 को जमानत मिलने के बाद पप्पू ने हाईकोर्ट से स्टे लिया था। इससे निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई रुक गई थी। इस दरमियान नरेश की मौत हो गई, वहीं पीड़िता की भी मौत होने के बाद पुलिस ने सूचना कोर्ट में दाखिल कर दी थी। पुलिस ने नरेश का डेथ सर्टिफिकेट भी दिया था। करीब 20 साल पहले आरोपित नरेश की मौत हो जाने के बाद से पैरवी नहीं हुई थी। इधर मामले में दो गवाहों की भी मौत हो गई। अभी तक पुलिस कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी है। आरोपित पप्पू अभी जमानत पर बाहर है।

हाईकोर्ट से स्टे रद होने पर खुला केस

हाईकोर्ट से स्टे रद होने के बाद एक बार फिर निचली अदालत में केस जिंदा हो गया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुकदमे की सुनवाई शुरू हो गई है। एडीजीसी मनोज बाजपेयी ने बताया कि सोमवार को वादी कोर्ट में उपस्थित था, जबकि इलाहाबाद से महिला आरोपित भी आयी थी। मामले में अगली सुनवाई के लिए तारीख दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.