मोहन भागवत ने कहा, हमें प्रकृति को जीतना नहीं, उसे जीवित रखते हुए पोषण पाना है...
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक ने हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के प्रकृति वंदन वर्चुअल कार्यक्रम में प्रकृति का महत्व बताया।
कानपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा है कि हमें प्रकृति को जीतना नहीं है। उसे जीवित रखना है और उससे पोषण पाते रहना है। वह रविवार को हिंदू अाध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान द्वारा आयोजित प्रकृति वंदन वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में प्रकृति के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला और प्रकृति संरक्षण की अपील भी की।
कानुपर के दीनदयाल इंटर कालेज में मुख्य रूप से आयोजित कार्यक्रम को उन्होंने कहा कि अभी दुनिया में जीवन जीने का जो तरीका प्रचलित है, वह पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। यह तरीका कहता है कि प्रकृति को जीत कर मनुष्यों को जीना है। इसमें मनुष्य का पूरा अधिकार प्रकृति पर दिया गया है। एेसा पिछले दो-ढाई सौ वर्षों में हुआ है, इसके दुष्परिणाम अब सामने आ रहे हैं। एेसा ही रहा तो आने वाले समय में यह प्रकृति नहीं रहेगी, इसीलिए आज मनुष्य पर्यावण पर विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा, भारतीय संस्कृति में जो जीने का तरीका था उसमें पेड़, पौधे सभी की पूजा करना सिखाया गया था। इसे बदले हुए समय में हम भूल गए थे। इसीलिए आज पर्यावरण दिवस मनाना पड़ रहा है। आज भी सही तरीके से शुरुआत कर दी जाए तो जो दो-ढाई सौ वर्षों में नुकसान हुआ है, उसे सही करने में सौ, डेढ़ सौ वर्ष लग जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों ने पौधों की पूजा की।
कार्यक्रम को शहर में 50 स्थानों पर स्क्रीन लगाकर दिखाया गया। साथ ही फेसबुक पर लाइव किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई प्रमुख हस्तियों के संदेश स्क्रीन पर दिखाए गए। कार्यक्रम में महापौर प्रमिला पांडेय, प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, संघ के प्रांत प्रचारक श्रीराम, अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक, प्रांत सह प्रचार प्रमुख अनुपम, विभाग कार्यवाह भवानी भीख, विधायक सुरेंद्र मैथानी, विद्यालय सचिव नीतू सिंह, भाजपा दक्षिण जिलाध्यक्ष डाॅ. बीना आर्या, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. अनिल मिश्र मौजूद रहे।