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कानपुर के एलएलआर अस्पताल में बनेगा माड्यूलर किचन, मरीजों को मिलेगा शुद्ध ताजा खाना

कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल में माड्यूलर किचन बनाने के लिए 5.50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है । इसके बनने के बाद मरीजों को शुद्ध और ताजा अच्छा खाना मुहैय्या कराया जा सकेगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 23 Aug 2021 09:59 AM (IST)Updated: Mon, 23 Aug 2021 09:59 AM (IST)
कानपुर के एलएलआर अस्पताल में बनेगा माड्यूलर किचन, मरीजों को मिलेगा शुद्ध ताजा खाना
जीएसवीएम मेडिकल कालेज अस्पताल में बढ़ेंगी सुविधाएं।

कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) में अब मरीजों को खराब खाना और खाना न मिलने की समस्या का बहुत जल्द निदान हो जाएगा। अब अस्पताल में मरीजों को शुद्ध, स्वच्छ एवं ताजा भोजन मुहैया कराने के लिए जल्द ही माड्यूलर किचन की स्थापना कराई जाएगी। इसके लिए शासन को 5.50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है।

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एलएलआर (हैलट) एवं संबद्ध चारों अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को भोजन मुहैया कराया जाता था। अस्पताल की मुख्य रसोई घर से एलएलआर के मरीजों के साथ-साथ बाल रोग अस्पताल के मरीजों के लिए भी भोजन जाता है। बीते दिनों अक्सर खाना न मिलने और खराब खाने की शिकायतें पहुंच रही थीं। इसके साथ ही मरीज के तीमारदार भी खाने को लेकर हंगामा करते रहते हैं। मरीजों के खाने को लेकर अस्पताल प्रशासन भी गंभीरता दिखा चुका है। अब माड्यूलर किचन बनने के बाद मरीजों को ताजा और शुद्ध खाना मिल सकेगा।

अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा एवं मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल के मरीजों के लिए भोजन का अलग बजट है, चेस्ट अस्पताल की भी अपनी रसोई है। यहां मरीजों के लिए भोजन बनाने का बंदोबस्त है। कोरोना काल में अस्पताल में खाना बनाने की समस्या के चलते ठेकेदार के माध्यम से भोजन का बंदोबस्त कराया गया है। हालांकि गुणवत्ता को लेकर कई बार शिकायत मिल चुकी है। इसीलिए प्राचार्य ने माड्यूलर किचन बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

खाने के लिए ये है बजट

44 लाख रुपये एलएलआर अस्पताल।

12 लाख रुपये चेस्ट अस्पताल।

03 लाख रुपये जच्चा-बच्चा अस्पताल (सिर्फ दूध) सुबह का शाम का भोजन एनएचएम उपलब्ध कराता है।

500-600 मरीजों को प्रतिदिन उपलब्ध कराया जाता है खाना।

-अस्पताल का रसोईघर काफी पुराना है। इसे अपग्रेड कर माड्यूलर किचन बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है, ताकि मरीजों को शुद्ध, ताजा एवं गुणवत्तापरक भोजन मिल सके। -प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।


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