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Mishap in Kanpur: कुली बाजार में दो और इमारतों की दीवार पर आई दरारें तो बढ़ने लगी लोगों की दहशत

मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि जैन बिल्डिंग के आगे वाला हिस्सा भी गिरने की स्थिति में है। इसलिए प्रशासन को उसे हटवा देना चाहिए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि रात के अंधेरे में जेसीबी लगवाकर खोदाई कराई जाती थी लेकिन किसी ने नहीं रोका।

By ShaswatgEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 08:46 AM (IST)
Mishap in Kanpur: कुली बाजार में दो और इमारतों की दीवार पर आई दरारें तो बढ़ने लगी लोगों की दहशत
कुली बाजार में हादसे के बाद इस मकान में आई दरार।

कानपुर, जेएनएन। बिना सुरक्षा मानकों का इस्तेमाल किए 40 फीट गहरी खोदाई कराने से तीन मकान ढहने के बाद अब दो और इमारतों की दीवारों पर दरार पड़ गई है। एक पुराने मंदिर की दीवार तो तीन जगह से चटकी है। इससे आसपास के लोग दहशत में हैं। जैन बिल्डिंग में रहने वालों ने बताया कि दो वर्ष पहले पीछे वाले प्लॉट का आधा हिस्सा खाली कराकर बिल्डर ने निर्माण शुरू कराया था। लोगों ने एतराज किया तो कुछ समय के लिए काम रुकवा दिया गया था, लेकिन फिर शुरुआत हो गई। रात के अंधेरे में जेसीबी लगवाकर खोदाई कराई जाती थी। ट्रकों व डंपरों पर मिट्टी लदवाकर भिजवाई जा रही थी। सब कुछ पुलिस के सामने हो रहा था, लेकिन किसी ने नहीं रोका। 

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मंदिर की दीवार पर तीन जगह से आई दरारें 

बारिश के दौरान तो काफी दिन तक प्लॉट के गड्ढे में पानी भी भरा रहा था। शायद इसी वजह से नींव कमजोर होने से मकान ढह गए। एक परिवार ने बताया कि कुछ माह पहले मंदिर की पिछली दीवार पर भी दरारें पड़ गई थीं। उन्होंने भी शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जैन बिल्डिंग के आगे वाले भवन के मालिक रामजी गुप्ता ने भी खोदाई रोकने की मांग की थी। इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि जैन बिल्डिंग के आगे वाला हिस्सा भी गिरने की स्थिति में है। इसलिए प्रशासन को उसे हटवा देना चाहिए।  

मलबे में दबने से टूटी थीं राकेश के सिर की हड्डियां

बिल्डिंग गिरने पर दूसरी मंजिल पर लेटे राकेश शर्मा मलबे के साथ नीचे गिरे थे। इससे उनके सिर की तीन हड्डियां और दाएं हाथ की हड्डी टूट गई थीं। सिर में अंदर रक्तस्राव भी हुआ था। जांच में कोरोना पॉजिटिव निकलने पर राकेश के शव का पोस्टमार्टम मंगलवार को डॉ. विनीत सोनकर ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया। पोस्टमार्टम में शामिल बाकी स्टॉफ ने भी पीपीई किट समेत अन्य सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किया। सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि राकेश के सिर की तीन हड्डियां टूटने से अंदर काफी रक्तस्राव हुआ था। उनके चेहरे, कंधे, हाथ, पीठ और पैर में भी कई चोटें थीं। भाई दिनेश ने बताया कि रात 12 बजे तक उनकी बात हुई थी। इसके बाद वह घर चले गए और देर रात लौटे तो राकेश की मौत हो गई थी।

हालसी रोड में बिना मानक बना दीं दुकानें

 हालसी रोड व आसपास इलाकों में व्यावसायिक निर्माण करके बेसमेंट में ही दुकानें भी बना दी हैं। इससे पार्किंग को लेकर कई समस्याएं हैं। लोगों ने बताया कि एक निर्माण ट्रस्ट की जगह पर हो रहा है। इसमें दो मंजिल तक बेसमेंट बनाया गया है। गंदगी और पानी के कारण बदबू के साथ मच्छरों ने जीना मुहाल कर रखा है। शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। क्षेत्रीय पार्षद अभिषेक गुप्ता मोनू ने बताया कि शिकायत पर केडीए अभियंता कार्रवाई के बजाय निर्माण करने वाले को बता देते हैं। क्षेत्र में बिना मानक पानी की टंकी का भी निर्माण हो रहा है। छह-छह मंजिल के मकान बन गए हैं। इससे आसपास के लोग मुसीबत में हैं।

 थाने में पंचायत, जमीन मालिक तीन महिलाओं पर मुकदमा

लोहा मंडी में गहरे बेसमेंट की खोदाई को लेकर हुए हादसे के बाद मंगलवार पूरे दिन थाने में चली पंचायत के बाद जमीन की मालिक तीन महिलाओं के खिलाफ केडीए ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि भवन निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखने से ही हादसा हुआ। मंगलवार रात केडीए के जूनियर इंजीनियर आरके सिंह ने मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दी। उसमें कहा गया है कि मकान नंबर 77-2 का कामर्शियल मानचित्र 28 नवंबर 2018 को रेखा जैन पत्नी अजीत जैन, रेनू जैन पत्नी अतुल जैन और सोनिया जैन पत्नी अजय जैन के पक्ष में निर्गत किया गया था। दावा है कि जो अनुज्ञा जारी की गई, उसकी शर्त संख्या 11 में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि बेसमेंट की खोदाई और निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों की जिम्मेदारी का ख्याल रखना भवन निर्माता पक्ष की होगी। किसी भी हादसे की स्थिति में दुर्घटना का दायित्व आवेदक का ही होगा। तहरीर के मुताबिक, पांच दिसंबर 2019 को रेखा जैन ने विभाग को शपथपत्र देकर कहा था कि बेसमेंट की खोदाई के दौरान किसी भी हादसे की जिम्मेदारी उनकी होगी। आरोप है कि इस दौरान स्ट्रक्चरल सेफ्टी व दक्ष स्ट्रक्चरल इंजीनियर के बिना ही खोदाई चल रही थी, जिससे हादसा हुआ। 


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