Mining In Ganga @ Kanpur: बंदी माता घाट में खनन पर प्रतिबंध, रानीघाट पर हो रही ओवरलोडिंग
कानपुर में गंगा किनारे घाटों पर खनन का खेल जारी है। कई बार कार्रवाई और जुर्माना होने पर भी माफिया मान नहीं रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने खबरें सुर्खियों में आने के बाद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया है।
कानपुर, जेएनएन। सुनौढ़ा गांव के अटवा बंदी माता घाट पर बालू खनन पर फिलहाल अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश आते ही खनन निरीक्षक केबी सिंह ने मौके पर जाकर खनन रुकवा दिया है। अब पट्टाधारक वहां तभी खनन कर पाएगा जब पूर्व में लगाए गए जुर्माने को अदा कर देगा। पट्टाधारक पर लगभग दो करोड़ का जुर्माना है। यह जुर्माना निर्धारित क्षेत्र के बाहर जाकर 54,219 घन मीटर बालू का खनन करने के आरोप में लगाया गया था।
घाट के समीप बालू खनन का पट्टा दिया गया है। वहां बंधा बनाकर गंगा की धारा मोड़कर निर्धारित क्षेत्र के बाहर खनन करने का मामला दैनिक जागरण ने दिसंबर में उठाया था। पहले तो अफसरों ने वहां सबकुछ ठीक होने का दावा किया लेकिन लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद जांच हुई तो बंधे को तोडऩे के साथ ही अज्ञात व्यक्ति के नाम बंधा बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया। सीमांकन हुआ तो निर्धारित क्षेत्र के बाहर 54,219 घन मीटर बालू का अवैध खनन पाया गया। जुर्माना लगा तो उसकी अदायगी नहीं हुई। इसके बाद खुद खनन सचिव डॉ. रोशन जैकब ने मौके पर आकर पैमाइश कराई। पूर्व की जांच रिपोर्ट सही मिली तो उन्होंने खनन पर अस्थाई तौर पर प्रतिबंध लगा दिया। कहा है कि जब यह राशि जमा हो जाएगी तो फिर खनन किया जा सकेगा।
रानीघाट पर खुलेआम बालू की ओवरलोडिंग
रानी घाट पर खनन के खेल में राजस्व विभाग के अफसरों के साथ ही खनन विभाग के अफसर भी शामिल हैं। यही वजह है कि यहां खुलेआम ओवरलोडिंग का खेल चल रहा है, लेकिन इसे रोकने की जहमत नहीं उठाई जा रही है, जबकि खनन सचिव डॉ. रोशन जैकब खुद यहां खनन पकड़ चुकी हैं। उन्होंने विस्तृत जांच की बात भी कही है, लेकिन यह जांच कब होगी इसका तिथि निर्धारण नहीं हुआ है। जांच कर कार्रवाई तो स्थानीय अफसर भी कर सकते हैं, लेकिन अनदेखी की जा रही है। रानी घाट स्थित लोधवाखेड़ा में बालू खनन का पट्टा साढ़े 22 हेक्टेयर में आवंटित है। खनन स्थल से जो भी ट्रक निकलेंगे सभी की तौल होनी चाहिए। प्रत्येक वाहन पर बालू का कितना वजन है यह दर्ज करने के बाद बकायदा रवन्ना दिया जाता है, लेकिन रात के अंधेरे में बिना तौल और रवन्ना के ही ट्रक और डंपर रवाना होते हैं। वहीं दिन में भी बिना तौल के ही कई बार वाहन पास करा लिया जाता है।
ऐसे में जितनी ओवरलोडिंग अनुमन्य है उससे दोगुनी बालू लादी जा रही है। पिछले दिनों जब खनन सचिव वहां निरीक्षण करने गईं थीं तो उन्होंने पाया कि वहां न तो जेडपीएस कैमरे लगे हैं और ना ही पिलर लगाए गए हैं। पिलर लगाए जाते तो उसकी जिओ टैङ्क्षगग भी होती। ऐसे में अब खनन सचिव को शक है कि प्रति माह जितना बालू खनन अनुमन्य है उससे कहीं ज्यादा बालू यहां से निकाली गई है। यही वजह है कि वह विस्तृत जांच कराने की तैयारी में हैं। एडीएम वित्त एवं राजस्व वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि ओवरलोडिंग व अवैध खनन की जांच कराएंगे। किसी भी दशा में नियमों के विरुद्ध कोई कार्य नहीं होगा।