घाटमपुर, बिल्हौर, पतारा, ककवन व रनियां सहित 12 करोड़ से संवरेंगे मिनी औद्योगिक क्षेत्र
औद्योगिक नगर के मिनी औद्योगिक क्षेत्रों की किस्मत अब बहुरने की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : औद्योगिक नगर के मिनी औद्योगिक क्षेत्रों की किस्मत अब बहुरने की उम्मीद है। चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही प्रदेश सरकार ने इसकी भूमिका तैयार कर ली थी। अब चुनाव निपटते ही 12 करोड़ रुपये से इन क्षेत्रों की सूरत बदली जाएगी।
उद्योग नगरी यानी कानपुर में उद्योग-कारोबार को विस्तार देने के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने की योजना बनाई। बिल्हौर, ककवन, घाटमपुर और पतारा में मिनी औद्योगिक क्षेत्र बनाए गए। मगर, इससे कोई मकसद हल नहीं हुआ। इन क्षेत्रों में उद्यमियों को भूखंड तो आवंटित किए जाते रहे, लेकिन सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया गया। लिहाजा, ये क्षेत्र उजाड़ खेतों की शक्ल लेते चले गए। रनिया को छोड़कर कहीं भी उद्योग नहीं लग सके।
इधर, योगी सरकार ने चुनाव की घोषणा के कुछ माह पहले लखनऊ में इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। उसमें सरकार और उद्यमियों ने एमओयू साइन किए। इसके साथ ही इन क्षेत्रों की दशा बदलने के लिए भी कसरत शुरू हो गई। इसी क्रम में बदहाल पड़े इन सभी मिनी औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 12 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए। मगर, चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से कार्य शुरू नहीं हो सका। चुनाव बाद सरकार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी भी करने जा रही है। आचार संहिता खत्म होते ही उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम (यूपीएसआइसी) 12 करोड़ से विकास कार्य शुरू कराएगा।
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इसीलिए बदली आवंटन नीति
अब तक जो भी मिनी औद्योगिक क्षेत्र बनाए गए, उनमें तमाम उद्यमियों ने सिर्फ निवेश के मकसद से भूखंड आवंटित कराए। उन्होंने वहां उद्योग स्थापना में रुचि ही नहीं दिखाई। यह देख उद्योग विभाग भी मुंह मोड़े रहा। अब निर्णय लिया गया कि भूखंड उन्हीं उद्यमियों को आवंटित किए जाएंगे, जिन्होंने सरकार के साथ एमओयू साइन किए हैं।
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कहां कितना धन होगा खर्च
पतारा में 85.52 लाख
घाटमपुर में 77.73 लाख
बिल्हौर व ककवन में 228.89 लाख
रनिया में 803.16 करोड़