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MIG-21 Aircraft Crash: जालौन के कैप्टन आशीष की शहादत पर नम हुईं आंखें, 1999 में हुआ था IAF में चयन

MIG-21 Aircraft Crash उरई के मोहल्ला तुलसी नगर निवासी ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता कमांड कर रहे थे। बुलंद हौसले वाले आशीष के अंदर बचपन से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था। बुधवार को उनकी उड़ान मंजिल पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो गई।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 10:12 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 10:12 PM (IST)
MIG-21 Aircraft Crash: जालौन के कैप्टन आशीष की शहादत पर नम हुईं आंखें, 1999 में हुआ था IAF में चयन
कैप्टन आशीष गुप्ता की तस्वीर। मिग 21 फाइटर जेट की सांकेतिक तस्वीर।

उरई, जेएनएन। MIG-21 Aircraft Crash ग्वालियर में वायुसेना के मिग-21 हादसे में शहीद हुए मूलरूप से उरई निवासी ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता बेहद खुशमिजाज और मिलनसार स्वभाव के थे। उनकी शहादत की खबर जैसे ही स्वजन व मित्रों को मिली तो सबकी आंखें नम हो गईं। स्वजन ग्वालियर के लिए रवाना हो गए। उनके पैतृक घर के बाहर सन्नाटा पसरा रहा।

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बुधवार शाम को मिग-21 क्रैश हुआ तो उरई के लिए दुखद खबर आई। उसे उरई के मोहल्ला तुलसी नगर निवासी ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता कमांड कर रहे थे। बुलंद हौसले वाले आशीष के अंदर बचपन से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था। बुधवार को उनकी उड़ान मंजिल पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो गई। उनका बचपन तुलसी नगर में बीता। उनके पिता प्रकाश चंद्र गुप्ता को-आपरेटिव बैंक फैजाबाद से प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हैं। नौकरी फैजाबाद में होने की वजह से काफी समय से परिवार समेत वहीं रहते हैं। आशीष वर्ष 1999 में वायु सेना में चयनित हुए थे। इन दिनों ग्वालियर में तैनाती थी। वहीं पर अपनी पत्नी छाया गुप्ता साथ रहते थे। उनके चाचा संजय गुप्ता सरसई और सुरेश चंद्र गुप्ता को खबर मिली तो उन्हें गहरा सदमा लगा। रिश्तेदार और मोहल्ले वाले घर पर लोगों का तांता लग गया। आशीष के साथ बिताए बचपन के दिनों को याद कर उनके दोस्तों की आंखें भर आईं। बड़े भाई मनीष गुप्ता एक निजी कंपनी में मैनेजर हैं। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि वह वर्तमान में सोनीपत में रहते हैं। यही वजह है कि घटना के बाद उनके घर के बाहर सन्नाटा रहा। करीबी लोग ग्वालियर रवाना हो गए हैं।

युवाओं के बीच आइडियल थे कैप्टन आशीष

मोहल्ला तुलसी नगर निवासी कैप्टन आशीष गुप्ता पहले ही प्रयास में वर्ष 1999 में एनडीए में भर्ती हो गए थे, लेकिन अपने शहर से उनका लगाव कम नहीं हुआ। एनडीए में भर्ती होने की चाहत रखने वाले छात्र कैप्टन आशीष से ही प्रेरित होकर तैयारी करते थे। तैयारी करने वाले छात्र उनसे संपर्क कर सलाह लेते तो पूरी शालीनता के साथ वे छात्रों को टिप्स देते थे। जिससे वायु सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं का उत्साह और बढ़ जाता था।

ग्वालियर में मिग 21 वे क्रैश होने की घटना में कैप्टन आशीष गुप्ता शहीद होने की जानकारी मोहल्ले के लोगों को मिली तो शुरू में किसी को भी इस पर यकीन करना मुश्किल हो रहा था। बाद में टीवी पर न्यूज देखने के बाद सच पता चल गया तो लोगों मोहल्ले के लोग भावुक हो गए। आंखों से भावुकता का ज्वर फूट रहा था। बचपन के साथियों के मन में कैप्टन आशीष की छवि स्वत: ही घर कर रही थी। घर के सामने की सन्नाटा बता रहा था कि किस तरह कैप्टन आशीष के परिवार को नियति ने झटका दिया है। मोहल्ला तुलसी नगर निवासी राहुल कहते हैं कि आशीष गुप्ता की शहादत शहर के लोगों को लिए भी क्षति है। यह गौरव की बात थी कि यहां का बेटा देश के प्रतिष्ठित मिग 21 को कमांड करता है। यही वजह है कि घटना की जानकारी होने के बाद हर किसी को लग रहा है कि जैसा उनका अपना कोई दुनियां को अलविदा कह गया है। 


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