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जुलाई तक तैयार सकती मेट्रो की राह, प्राथमिक काॅरीडोर के नौ स्टेशन पर एक साथ चल रहा काम

कानपुर में मेट्रो ट्रैक निर्माण में यू गार्डर का काम पूरा होते प्रॉथमिक कॉरीडोर तैयार हो जाएगा अबतक 50 फीसद से ज्यादा कार्य पूरा हो चुका है। नए साल में मेट्रो को दौड़ाने की कवायद में कंपनी जुटी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 10:42 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 10:42 AM (IST)
जुलाई तक तैयार सकती मेट्रो की राह, प्राथमिक काॅरीडोर के नौ स्टेशन पर एक साथ चल रहा काम
कानपुर में तैयार हो रहा मेट्रो ट्रैक।

कानपुर, जेएनएन। शहर की खुली-खुली सड़कों के ऊपर अब मेट्रो की आधी-अधूरी ही सही एक तस्वीर सी बनने लगी है। जो डिजाइन कागजों में थे, वे अब सामने नजर नजर आने लगे हैं। मेट्रो की ये तस्वीर यू गार्डर की वजह से नजर आ रही है। खाली खड़े हुए खंभे तो वह अहसास नहीं कराते लेकिन जहां यू गार्डर से वह रास्ता तैयार हो रहा है जिसके ऊपर मेट्रो चलेगी तो उसे देख कर शहरवासियों को भी अच्छा लगता है और गर्व का अहसास होता है। गड्ढे खोदने से यू गार्डर बिछाने तक का कार्य देख रही एफकांस का दावा है कि यू गार्डर का पूरा कार्य जुलाई तक खत्म कर देगी ताकि नए वर्ष तक शहर में मेट्रो चल सके।

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आइआइटी से कल्याणपुर के आसपास जीटी रोड पर मेट्रो का रूट नजर आने लगा है। जीटी रोड के दोनों और खड़े भवनों के बीच से लहराते हुए गुजर रहा मेट्रो का रूट बता रहा है कि आने वाले कुछ माह बाद इस पर मेट्रो भी दिखेगी। एफकांस के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय सिंह के मुताबिक एक माह बाद दो किलोमीटर का पहला स्पैन वह ट्रैक बिछाने के लिए दे देंगे। इसके बाद अगले चरण में तीन किलोमीटर का और हिस्सा देंगे। इससे एक तरफ यू गार्डर भी लगते जाएंगे तो दूसरी तरफ ट्रैक भी बिछता जाएगा।

मेट्रो ने अपनी जो टाइम लाइन तय की है, उसमें गुजरात से उसे जून में मेट्रो की पहली खेप मिलनी है। इसके बाद 31 जुलाई से उसे ट्रायल रन करना है। हालांकि कोरोना की वजह से जो देरी हुई उसका असर इस टाइम लाइन पर भी पड़ सकता है।

आइआइटी पहला स्टेशन है, इसलिए हर कार्य की शुरुआत सबसे पहले वहीं से होती है। इस समय वहां स्टेशन के प्रथम तल की दीवारें बनने लगी हैं। यूू गार्डर पर ट्रैक की बीम लगने लगी है। संजय सिंह के मुताबिक उनका 50 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। 90 फीसद से ज्यादा गड्ढे खोद चुके हैं। करीब सवा छह सौ यू गार्डर लगने हैं। इसमें 45 फीसद की ढलाई कर चुके हैं और 30 फीसद लगाए भी जा चुके हैं।


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