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कानपुर में उठ रही मांग, कारोबार के हिसाब से तय हो रिटर्न फाइल करने की तारीख

कानपुर शहर में कारोबािरयों ने बजट से पहले कुछ मांगें रखी है और उम्मीदें भी जताई हैं। उनका कहना है कि रिटर्न फाइल करने की तिथि का निर्धारण कारोबार के तहत होना चाहिये और इनकम टैक्स में भी छूट दी जानी चाहिये।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 06:45 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 06:45 AM (IST)
कानपुर में उठ रही मांग, कारोबार के हिसाब से तय हो रिटर्न फाइल करने की तारीख
कानपुर में कारोबारियों ने रखी अपनी बात।

कानपुर, जेएनएन। कारोबारियों की मांग है कि जिसके कारोबार के संचालन की जैसी प्रकृति उसे उसके हिसाब से ही रिटर्न फाइल करने के लिए समय दिया जाए ताकि रिटर्न फाइल करते समय किसी तरह की मुश्किल न हो। उनका कहना है कि जिसकी फर्म, कंपनी जिस तरह की है, उसके हिसाब से ही उन्हें रिटर्न फाइल करने की अनुमति दी जाए। इसमें व्यक्तिगत, पार्टनरशिप, कारपोरेट सभी की अलग-अलग तारीख तय हों। इसके साथ ही आयकर के स्लैब में छूट मिले ताकि कारोबारियों को राहत मिल सके।

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  • कोरोना में व्यापारियों को जिस तरह नुकसान हुआ है, उससे अब व्यापारियों के लिए पेंशन योजना जरूरी हो गई है। इसके लिए चाहे एक फीसद ज्यादा कर ले लें। इसमें एक फीसद सरकार अपनी तरफ से मिलाए और कारोबारी को 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन दे। साथ ही देश में केमिकल पार्क बनाए जाएं। -आरके सफ्फड़, महामंत्री यूपी डाई एंड केमिकल मर्चेंट एसोसिएशन
  • नए व्यापारिक उपक्रमों पर कम से कम पांच वर्ष तक कर की दर को न्यूनतम रख कर उसके बाद धीरे-धीरे बढ़ाया जाना चाहिए। इससे नए उद्योगों या व्यापार को शुरू करने के लिए लोग आगे आएंगे। इससे भविष्य में राजस्व का ही लाभ होगा। व्यापारियों के रिटर्न भी अलग-अलग तारीख के हिसाब से हों। -श्याम अग्रहरि, महामंत्री कानपुर चाय उद्योग व्यापार मंडल
  • व्यापारी अपनी समस्याओं को किसी के सामने रख सकें, बजट में ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके लिए केंद्रीय व्यापारी आयोग का गठन किया जाए। इसके बाद कम से कम कोई स्थान तो होगा, जहां पर ज्यादा से ज्यादा व्यापारी अपनी बात कह सकेंगे। -अतुल द्विवेदी, अध्यक्ष हटिया लोहा व्यापार मंडल

बुलियन और ज्वेलरी की बिक्री पर टीडीएस न लागू किया जाए, इससे बिक्री प्रभावित होगी। इसके साथ ही कस्टम ड्यूटी को घटाकर चार फीसद किया जाए। सराफा बाजार की बिक्री को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के दायरे के बाहर रखा जाए। -पंकज अरोड़ा, सरपंच कानपुर सराफा कमेटी


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