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कानपुर : सफलता की 'पूंजी' से बन रही नई पीढ़ी की नींव

शहर के विकास की अहम धुरी माने जाने वाली औद्योगिक इकाइयां भी स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए काम कर रहे हैं।

By Krishan KumarEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 06:00 AM (IST)
कानपुर : सफलता की 'पूंजी' से बन रही नई पीढ़ी की नींव

शिक्षा और स्वास्थ्य, यह ऐसे मुद्दे हैं, जिनकी बेहतर सुविधाएं हर इंसान को चाहिए। गरीबों को यह उतनी आसानी से या गुणवत्तापरक उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए सरकारें भी इनके प्रति चिंतित रहती हैं। इसके बावजूद इसमें सुधार नजर नहीं आ रहा है। 'माय सिटी माय प्राइड' अभियान के तहत राउंड टेबिल कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने भी इस पर चिंता जाहिर की थी।

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हमने ऐसे रीयल हीरो का भी उल्लेख किया, जो बेहतरी के बेहतरीन प्रयास भी कर रहे हैं। यहां काबिल-ए-गौर यह भी है कि व्यक्तिगत रूप से कुछ शख्सियत ही नहीं, बल्कि शहर के विकास की अहम धुरी माने जाने वाली औद्योगिक इकाइयां भी स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए काम कर रहे हैं। हर संभव सहयोग कर रहे हैं। कई कंपनियां दिल खोलकर अपना कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी फंड सरकारी स्कूलों के सुधार के लिए दे रही हैं।

इस फंड का सदुपयोग कर स्कूलों की सूरत बदलने के लिए सेतु का काम कर रहा है महिला उद्यमियों का जाना-माना संगठन फिक्की फ्लो। यह संगठन न सिर्फ सीएसआर, बल्कि अपने फ्लो बाजार के मुनाफे को भी स्कूलों के जीर्णोद्धार पर खर्च कर रहा है।



बाढ़ में बदहाल हुए स्कूल का शुरू हुआ कायाकल्प
कानपुर की महिला उद्यमी एवं फिक्की फ्लो की सीनियर वाइस चेयर अनुराधा वाष्र्णेय कंपनियों के सीएसआर फंड का प्रबंध कर खुद अपनी निगरानी में स्कूलों का कायाकल्प कराती हैं। उन्होंने बताया कि गंगा किनारे स्थित लोधवाखेड़ा का प्राथमिक विद्यालय बहुत पहले आई बाढ़ में तहसनहस हो गया था। गांव का यह पहला स्कूल कई वर्षों से खंडहर के रूप में था। कुछ समय पहले उनके पास सूचना आई तो वह हाल देखने गईं। अब सीएसआर फंड से स्कूल की मरम्मत का काम शुरू किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वहां जर्जर इमारत के जीर्णोद्धार के साथ ही प्रधानाचार्य कक्ष, बरामदा, टॉयलेट निर्माण, पेयजल और बिजली आपूर्ति के इंतजाम किए जा रहे हैं।

बदली इन स्कूलों की सूरत

2016

  • गिन्नी इंटरनेशनल लिमिटेड के सीएसआर फंड से प्राथमिक विद्यालय बारासिरोही।
  • गोल्डी मसाले के सीएसआर फंड से प्राथमिक विद्यालय मेडिकल कॉलेज कैंपस।
  • केपीएल के सीएसआर फंड से प्राथमिक विद्यालय चक रतनपुर।
  • हेरिटेज के सीएसआर फंड से प्राथमिक विद्यालय लुहारखेड़ा।


2017

  • गोल्डी मसाले के सीएसआर फंड से प्राथमिक विद्यालय खलासी लाइन।
  • गिन्नी फिलामेंट्स लिमिटेड के सीएसआर फंड से प्राथमिक विद्यालय मंधना-2।
  • जेके सीमेंट के सीएसआर फंड से पूर्व माध्यमिक विद्यालय।


2018 में चल रहा काम

  • जेके सीमेंट, प्रेमांजलि फाउंडेशन और कांति इन्फ्राबिल्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीएसआर फंड से पूर्व माध्यमिक विद्यालय लोधवाखेड़ा।
  • गोल्डी मसाले के सीएसआर फंड से प्राथमिक विद्यालय पेगूपुर।
  • केपीएल के सीएसआर फंड से प्राथमिक विद्यालय ख्योरा कटरी।
  • फ्लो बाजार के मुनाफे से प्राथमिक विद्यालय औराबांगर।

फ्लो बाजार सेवा का अहम मंच
फिक्की फ्लो अपने फ्लो बाजार के लिए सीएसआर फंड देता है। उससे होने वाला मुनाफा समाज सेवा में खर्च किया जाता है। कुछ कंपनियां सीधा फंड भी देती हैं। सेवा के इस कार्य में फ्लो बाजार अहम कड़ी बनते हैं। 2016 में पूजा गुप्ता, कनिका वेद, 2017 में श्रुति झुनझुनवाला, शुभा अग्रवाल, प्रियांकी गर्ग, जबकि 2018 में स्वाति अग्रवाल और रोली गुप्ता ईवेंट चेयर रहीं।


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