माय सिटी माय प्राइडः सीएसआर से शिक्षा दान में जुटा 'फीटा'
गरीब बच्चों की शिक्षा को फीटा ने प्राथमिकता पर लिया है। परमट क्षेत्र के चार सरकारी विद्यालयों में कॉर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से शिक्षा का दान दिया जा रहा है।
'औद्योगिक संस्थाओं का गठन तो उद्योग-कारोबार की समस्याओं को अधिकारियों और सरकार तक पहुंचाने के लिए होता है, लेकिन उनके सरोकार फिर समाज से भी जुड़ जाते हैं। इसी तरह फैसिलिटेशन फॉर इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन (फीटा) बनाया तो उद्यमियों की आवाज बुलंद करने के लिए था, लेकिन इस संगठन ने भी समाज सेवा की दिशा में अपनी सक्रिय भूमिका शुरू कर दी है।
गरीब बच्चों की शिक्षा को फीटा ने प्राथमिकता पर लिया है। परमट क्षेत्र के चार सरकारी विद्यालयों में कॉर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से शिक्षा का दान दिया जा रहा है। इसके साथ ही जनसुविधा और उद्योग सुविधा के अन्य सेवा कार्य संस्था की ओर से चलाए जा रहे हैं।
चार सरकारी स्कूलों के बच्चों की जिम्मेदारी
फीटा के प्रदेश महासचिव उमंग अग्रवाल ने बताया कि पिछले साल तत्कालीन जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने सरकारी विद्यालयों के लिए शिक्षा दान कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई। सहयोग के लिए औद्योगिक संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को बुलाया।
उसी बैठक में फीटा की ओर से निर्णय लिया गया कि परमट का एक प्राथमिक विद्यालय गोद लिया जाएगा। वहां जाकर देखा तो कतार से परमट प्राथमिक विद्यालय प्रथम, प्राथमिक विद्यालय द्वितीय, प्राथमिक विद्यालय कन्या प्रथम और द्वितीय कतार से थे। फिर भेदभाव न करते हुए चारों विद्यालयों को गोद ले लिया गया।
वहां संस्था ने शिक्षकों को अपनी ओर से तैनात किया है। उमंग अग्रवाल खुद प्रतिदिन एक घंटा पढ़ाते हैं और संस्था के अन्य सदस्य भी समय-समय पर शिक्षा दान के लिए जाते हैं।
वर्ष भर के लिए देते शिक्षण सामग्री
इन विद्यालयों के बच्चे अब सरकारी किताब आदि का इंतजार नहीं करते। फीटा ही वर्ष भर के लिए इन्हें कॉपी-किताब, बस्ता सहित सभी शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराता है। इनके अलावा भी अन्य स्कूलों के बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए चित्रकला सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती हैं।
औद्योगिक क्षेत्र के सुधार में सहयोग
संस्था के महासचिव उमंग अग्रवाल ने बताया कि सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र फजलगंज में सड़कें, नालियां, फुटपाथ, लाइट की समस्या थी। नगर निगम, लोक निर्माण विभाग के पैसे के साथ ही उद्यमियों ने सीएसआर फंड भी दिया और उससे सभी सड़कें, फुटपाथ, लाइट, नालियों का निर्माण कराया गया। फैक्ट्रियों के श्रमिकों के लिए शेल्टर होम भी बनवाए गए हैं। इसके अलावा कलक्ट्रेट नई बिल्डिंग में वाटर कूलर, जेल के बाहर महिला-पुरुष शौचालय का निर्माण कराया।