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राउंड टेबल कॉन्‍फ्रेंस : सेवा की अनूठी मिसाल पेश करेगा कानपुर

माय सिटी माय प्राइड अभियान के तहत कानपुर में राउंड टेबल कॉन्‍फ्रेंस में 11 समाधानों पर

By Krishan KumarEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 12:51 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 07:09 PM (IST)
राउंड टेबल कॉन्‍फ्रेंस : सेवा की अनूठी मिसाल पेश करेगा कानपुर

जागरण संवाददाता, कानपुर : 'माय सिटी माय प्राइड...' शहरवासियों में यही भाव जगाने के प्रयास से शुरू हुई मुहिम अब सफलता के उस मुहाने पर आ पहुंची है, जहां से 'माय सिटी माय प्राइड' कहने में किसी को कतई झिझक नहीं होगी। दैनिक जागरण ने इस अभियान में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, इकोनॉमी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को लिया।

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लगभग तीन माह चले अभियान में उन सेवाभावीजनों के उदाहरण स्टोरी के रूप में प्रकाशित किए, जो अपने संसाधनों से अलग-अलग क्षेत्र में समाज की सेवा कर रहे हैं। कॉरेपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से सहयोग कर रहे औद्योगिक समूह भी इसमें शामिल किए गए। इसके साथ ही कई चरणों में हुई राउंड टेबिल कॉन्फ्रेंस में इन बिंदुओं पर मंथन हुआ कि सरकार पर अधिक निर्भर रहने की बजाए अपने संसाधनों और प्रयासों से शहरवासी आपसी सहयोग से किन-किन जरूरी व्यवस्थाओं में सुधार कर सकते हैं।

इस विचार को 'योजना' के मूर्तरूप की ओर ढलने में कतई वक्त न लगा। विभिन्न संस्थाएं और व्यक्तिगत रूप से सेवाभावी जनों ने अपने प्रस्ताव तो पहले ही सौंप दिए थे। मंगलवार को जब इस पर मंथन शुरू हुआ कि अब उन प्रस्तावों को योजना बनाकर अमल में कैसे लाया जाए तो शहरवासी दिल खोलकर अपनी ओर से हरसंभव प्रयास के लिए खड़े नजर आए। सीसामऊ सहित आसपास के बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं।

अब गरीबों को बड़ी राहत के रूप में महापौर प्रमिला पांडेय, जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत और नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा से विचार विमर्श के बाद इस पर लगभग मुहर लगा दी गई कि गरीब बच्चों के इलाज के लिए वर्षों से बंद पड़े नगर निगम के चाचा नेहरू और जागेश्वर अस्पताल फिर शुरू होंगे। सरकारी विद्यालय गोद लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर और शैक्षिक गुणवत्ता सुधारी जाएगी।

चाचा नेहरू अस्पताल में होगा गरीब बच्चों का इलाज
बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा। सरकारों की प्राथमिकता में यह दो विषय रहते जरूर हैं, लेकिन हालत सुधरती नहीं। गरीब जनता न तो निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराने में सक्षम है और ना ही निजी स्कूलों में अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने में। यही वजह है कि जागरण की माय सिटी माय प्राइड मुहिम से जुड़े शहरवासियों ने इन दो व्यवस्थाओं के सुधार में तुलनात्मक रूप से ज्यादा रुचि दिखाई है। इतिहास बन चुके चाचा नेहरू अस्पताल को अपने संसाधनों से चलाने के लिए वह आगे आए हैं।

यूं चला अस्पताल पर मंथन
महापौर प्रमिला पांडेय ने निजी अनुभव के साथ इस बात पर जोर दिया कि कोपरगंज स्थित चाचा नेहरू अस्पताल जरूर शुरू होना चाहिए। एक दौर में यह बच्चों के इलाज के लिए ऐसा अस्पताल था, जिसके लिए लंबी कतार लगानी पड़ती थी। उनका सुझाव था कि यदि दस-पंद्रह नर्सिंग होम संचालक मिलकर इस बंद पड़े अस्पताल की जिम्मेदारी ले लें तो इसका फिर से संचालन संभव है।

नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सरावगी का कहना था कि दीर्घकालीन योजना बनानी होगी। अस्पताल के खर्च भी होंगे, इसलिए कुछ आय का भा इंतजाम होना चाहिए। इस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. अर्चना भदौरिया ने सुझाव दिया कि हम शुरुआत में इसे डे केयर और ओपीडी के रूप में शुरू कर सकते हैं।

यह बनी विस्तृत रूपरेखा
चाचा नेहरू अस्पताल फिर से शुरू कराने के लिए पहले भी राज्यपाल से मिल चुके वरिष्ठ बाल रोग चिकित्सक डॉ. आरएन चौरसिया ने बताया कि 70-80 के दशक में यह अस्पताल मेडिकल कॉलेज के ही बाल रोग विभाग की तरह महत्वपूर्ण था। फिर कम से कम एक अस्पताल ऐसा होना चाहिए, जहां बच्चों का रियायती दर पर इलाज हो सके। उन्होंने सभी संस्थाओं की सहमति के आधार पर संचालन की विस्तृत रूपरेखा इस प्रकार रखी।
- अस्पताल की इमारत के जीर्णोद्धार के लिए कानपुर कपड़ा कमेटी और कानपुर किराना मार्केट एसोसिएशन तैयार है।
- भारतीय बाल रोग अकादमी से जुड़े सेवानिवृत्त अनुभवी चिकित्सक निश्शुल्क सेवाएं देकर प्रतिदिन चार घंटे की ओपीडी चलाने को तैयार हैं।
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी चिकित्सकों की निश्शुल्क सेवाएं मुहैया कराने के लिए रजामंद है।
- केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन द्वारा जरूरत की मुफ्त दवाइयों का इंतजाम किया जा सकता है। वह सहमत हैं।
- शहर भर में जांच शिविर लगते रहते हैं। वहां संपर्क कर पचास फीसद दर पर मरीजों की जांच कराई जाएगी।
- सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ भी अस्पताल को मिलेगा।
- अन्य जरूरतों को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जैसी संस्थाएं सीएसआर फंड के जरिये पूरी कर सकती हैं।
- जिला प्रशासन, नगर निगम और संबंधित सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक निगरानी समिति बना दी जाए।

एक सप्ताह में निर्णय लेगा नगर निगम
नगर निगम की ओर से महापौर प्रमिला पांडेय और नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि चाचा नेहरू अस्पताल के संचालन के लिए सदन में प्रस्ताव लाया जा चुका है। हमने विचार किया है कि पीपीपी मॉडल पर इसका संचालन किया जाए। इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट मांगा है, जिस निजी संस्था का प्रस्ताव अच्छा होगा, उस पर विचार किया जाएगा। यदि समाजसेवियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव ज्यादा उपयुक्त होगा, तो उस दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। उन्होंने आश्वास दिया कि एक सप्ताह में पीपीपी मॉडल संबंधी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

लगेंगे मेडिकल के मेगा कैंप
नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सरावगी ने घोषणा कर दी कि वह जल्द ही दो मेगा मेडिकल कैंप आयोजित करेंगे, जहां मरीजों का निश्शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और दवा वितरण होगा। वहीं, एक मेडिकल कैंप नवंबर में आयोजित करने की घोषणा आइएमए की अध्यक्ष डॉ. अर्चना भदौरिया और पूर्व अध्यक्ष डॉ. प्रवीण कटियार ने की।

समाजसेवी संवारेंगे स्कूलों की दशा
शासकीय प्राथमिक विद्यालय और नगर निगम के खस्ताहाल विद्यालयों को इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ ही गुणवत्ता शिक्षण व्यवस्था मुहैया कराने के लिए समाजसेवी आगे आए हैं। पीपीएन कॉलेज की प्रोफेसर शिखा सिंह और श्री बाबा आनंदेश्वर जी सेवा समिति के अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला गोपाल ने प्रस्ताव दिया है कि प्रशासन और नगर निगम हमें स्कूल गोद दे दें। हम उनकी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं। वहीं, युवा उद्योग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संत मिश्रा ने प्रस्ताव रखा कि हमारा संगठन राखी मंडी की मलिन बस्तियों में बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा मुहैया कराएगा।

प्रस्ताव दें, हम शुरू करेंगे प्रक्रिया
फोरम में शामिल जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने सभी प्रस्तावों पर रजामंदी जताई। उन्होंने संस्था प्रतिनिधियों और समाजसेवियों से कहा कि आपने माय सिटी माय प्राइड अभियान के तहत जो भी प्रस्ताव तैयार किए हैं, वह हमें विस्तारपूर्वक लिखित में दे दें। इस दिशा में संबंधित विभागों के साथ बैठक कर प्रक्रिया शुरू करेंगे और सफलता के अंजाम तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। वहीं, सीएसआर फंड के संबंध में कहा कि उद्यमियों से कुछ कार्यों में यह पैसा लगवा रहे हैं, उनके सकारात्मक परिणाम जब सामने होंगे, तो इसके प्रति भी शहर में माहौल बनेगा।

हम साथ-साथ हैं...
'प्रयास है कि मेरे कार्यकाल में चाचा नेहरू और जागेश्वर अस्पताल फिर से शुरू हो जाएं। नगर निगम के अगले बजट में चाचा नेहरू अस्पताल के लिए बजट जरूर मंजूर किया जाएगा।
प्रमिला पांडेय, महापौर

'शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए शासन-प्रशासन भी सक्रिय है। माय सिटी माय प्राइड अभियान के प्रस्तावों को भी गंभीरता से आगे बढ़ाया जाएगा। मैं हरसंभव मदद को तैयार हूं।
विजय विश्वास पंत, जिलाधिकारी

'सेवाभावी शहरवासियों के प्रस्ताव बहुत अच्छे हैं। हम अपनी प्रक्रिया से यह सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि अस्पताल या स्कूल शुरू हों तो फिर उनके संचालन में कोई कठिनाई न आए।
संतोष कुमार शर्मा, नगर आयुक्त

'हम उद्यमी सेवा के कार्य निरंतर करते हैं। वादा करता हूं कि अस्पताल या स्कूल के संचालन में जो भी आर्थिक मदद हो, हम आइआइए की ओर से उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
सुनील वैश्य, राष्ट्रीय अध्यक्ष इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

'दैनिक जागरण के माय सिटी माय प्राइड अभियान के सेवा प्रकल्पों में आइएमए पूरी सहभागिता करेगा। हमें चिकित्सा सेवा से संबंधित जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, हम निभाएंगे।
डॉ. अर्चना भदौरिया, अध्यक्ष इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

'जब कोई बच्चा बीमार होता है तो उस बच्चे के साथ परिजन भी तड़पते हैं। उस दर्द को समझते हुए बहुत जरूरी है कि गरीब बच्चों के सस्ते इलाज के लिए चाचा नेहरू अस्पताल शुरू हो।
डॉ. आरएन चौरसिया, संरक्षक भारतीय बाल रोग अकादमी

नेशनल हेल्थ मिशन के तहत बहुत सी सरकारी योजनाएं चलती हैं। चाचा नेहरू अस्पताल को शुरू कर उनका लाभ भी लिया जा सकता है। इसके अलावा आइएमए भी तैयार है।
डॉ. प्रवीण कटियार, पूर्व अध्यक्ष आइएमए

'मैं अपने अस्पताल में एक बेड गरीबों के लिए निश्शुल्क आरक्षित करने के लिए तैयार हूं। सरकार इसी नीति पर विचार कर प्रदेश भर में लागू कर सकती है। इससे काफी सेवा होगी।'
डॉ. महेंद्र सरावगी, अध्यक्ष नर्सिंग होम एसोसिएशन

'अस्पताल की इमारत के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव हमने दिया है। इसके अलावा निश्शुल्क मेडिकल शिविर में दवाएं उपलब्ध कराने में भी हमारी संस्था सहयोग को तैयार है।'
अवधेश बाजपेयी, अध्यक्ष कानपुर किराना मार्केट एसोसिएशन

'स्कूलों में सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने से कुछ नहीं होगा। निजी स्कूलों की तरह सरकारी विद्यालयों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था की जरूरत है।'
- डा.शिखा सिंह, विभागाध्यक्ष पीपीएन डिग्री कालेज

'हमने आठ बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगवाकर उनकी निगरानी की जिम्मेदारी भी स्वयं उठाई है। अब अन्य बाजारों में भी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाएंगे।'
संजय त्रिवेदी

'जागरण के माय सिटी माय प्राइड अभियान द्वारा बढ़ाए गए कदम में हम सहभागी हैं। हमने पहले गरीबों को शिक्षित करने के लिए रूपरेखा बनाई है। इसके अतिरिक्त सभी सेवा कार्यों में सहयोग के लिए तैयार हैं।
संत मिश्रा, महामंत्री युवा उद्योग व्यापार मंडल


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