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महापौर ने देखी एलईडी व्यवस्था में अंधेरगर्दी

स्कूटी से निकल देखी अंधेरी गलियों में बंद लाइटें, जनता ने बताया दर्द

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 01:23 AM (IST)Updated: Mon, 27 Aug 2018 01:23 AM (IST)
महापौर ने देखी एलईडी व्यवस्था में अंधेरगर्दी
महापौर ने देखी एलईडी व्यवस्था में अंधेरगर्दी

जागरण संवाददाता, कानपुर : सुविधाओं से लैस नगर निगम कार्यालय और लाव-लश्कर को छोड़कर महापौर प्रमिला पांडेय रविवार शाम शहर के हालात जानने अकेले निकल पड़ीं। साथ में न अर्दली, न ही गनर। अपने विकास कार्यो के साथ उन्होंने शहर में एलईडी व्यवस्था में अंधेरगर्दी भी देखी। कई जगह अंधेरी सड़कों से लेकर गलियों तक एलईडी लाइटें बंद पड़ी व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही थीं। महापौर ने बंद पड़ी एक-एक लाइटों का ब्यौरा नोट कर सोमवार को नगर आयुक्त के साथ ही ईईएसएल कंपनी के अफसरों को भी तलब किया है।

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खुद महापौर के आवास एफएफ कालोनी सूटरगंज के आस-पास लगी लाइटें बंद पड़ी थीं। इसके बाद वह आगे बढ़ीं तो एसएसपी बंगले के आस-पास कुछ लाइटें जल रही थीं तो कई बंद पड़ी थी। यहां से यूपीएफसी कार्यालय तक लाइटें बंद थी। यहां से महापौर छह बंगलिया पहुंची। पूर्व महापौर अनिल शर्मा के आवास के आसपास आठ खंभों में लाइटें बंद पड़ी थीं। पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार के आवास खलासी लाइन के बाहर भी अंधेरा था। इस दौरान कुछ लोगों ने महापौर को पहचान लिया तो समस्या बताना शुरू कर दी। कहा कि एलईडी चल नहीं रही है। महापौर ने कहा कि सब फिर चालू कराई जाएंगी। इसके बाद वह वीआइपी रोड में रेव थ्री से होते हुए नरेंद्र मोहन सेतु पहुंचीं। यहां भी केवल नाम मात्र एलईडी लाइट जल रही थी। इन सबको नोट करते हुए एलएलआर अस्पताल हैलट होते हुए जीटी रोड से रावतुपर क्रासिंग से रेव मोती सर्वोदय नगर पहुंचीं तो आरटीओ मार्ग में आधी लाइट जल रही थी और आधी बंद थी। यहां से मोतीझील पहुंचने पर भी कई लाइट बंद मिलीं। लगभग तीन घंटे महापौर चुपचाप स्कूटी से घूमती रहीं, लेकिन किसी को पता नहीं चला।

महापौर ने कहा कि कई एलईडी लाइट बंद है। इस बाबत नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा को ईईएसएल के अफसरों के साथ सोमवार को सुबह बुलाया है। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से पिछले दिनों शिकायत कर चुकी हूं। समस्या का निदान न हुआ तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर एलईडी लाइट का हाल बताएंगी।

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11,200 एलईडी लाइट लगी ही नहीं

नगर निगम ने पिछले दिनों जांच में पकड़ा था कि ईईएसएल कंपनी ने 11,200 एलईडी लाइट लगाई ही नहीं। हालत यह है कि जहां कहीं लाइट लगी भी हैं तो 20 से 30 फीसद बंद पड़ी हैं। पार्षदों ने इसको लेकर नगर निगम सदन में हल्ला बोला था और अफसरों को घेराव किया था।


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