प्रशिक्षण के बाद परीक्षा भी देंगे मास्टर ट्रेनर व मतदानकार्मिक
- सौ प्रतिशत अंक पाने के बाद ही माने जाएंगे पास फेल होने वालों को दोबारा किया जाएगा प्रशिक्षण
जागरण संवाददाता, कानपुर : विधानसभा चुनाव के लिए जिले में नामांकन प्रक्रिया 25 जनवरी से शुरू होगी, जो एक फरवरी तक चलेगी। 20 फरवरी को मतदान होगा। मतदान कराने के लिए प्रत्येक बूथ पर एक पीठासीन अधिकारी और एक-एक मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय व तृतीय तैनात होंगे। उन्हें प्रशिक्षण 75 मास्टर ट्रेनर देंगे। अभी मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण चल रहा है। प्रशिक्षण के बाद उनकी परीक्षा ली जाएगी। 40 अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे, अगर एक भी प्रश्न का सही उत्तर मास्टर ट्रेनर नहीं दे पाते तो उन्हें फेल मान लिया जाएगा और फिर प्रशिक्षित किया जाएगा। इसी तरह मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के बाद 3702 पीठासीन अधिकारियों व उनकी टीम के सदस्यों की परीक्षा लेंगे। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी विशाख जी अय्यर ने बैठक की।
ईवीएम की कंट्रोल और बैलेट यूनिट को एक दूसरे से जोड़ने, बैट्री बदलने, माक पोल कराने और माक पोल के बाद ईवीएम को क्लीयर कर मतदान कराने, मतदान के बाद ईवीएम को आफ करने का प्रशिक्षण पीठासीन अधिकारियों और उनकी टीम के सदस्यों को दिया जाता है। प्रशिक्षण दो चक्रों में होता है। उन्हें प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर देते हैं। मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण देने का कार्य प्रभारी अधिकारी कार्मिक की ओर से किया जाता है। मास्टर ट्रेनर पूरी तरह पारंगत होना चाहिए। यही वजह है कि मास्टर ट्रेनर को बार-बार प्रशिक्षित किया जाता है। मास्टर ट्रेनर की परीक्षा 20 जनवरी को होगी। उन्हें ईवीएम की कंट्रोल व बैलेट यूनिट को एक दूसरे से जोड़कर दिखाना होगा। माक पोल कैसे किया जाता है, यह भी बताना होगा। अगर कोई मास्टर ट्रेनर बार-बार फेल होता है तो यह माना जाएगा कि वह जानबूझकर ऐसा कर रहा है ताकि उसे प्रशिक्षण के कार्य से मुक्त कर दिया जाए। डीडीओ जीपी गौतम का कहना है कि पूरी तरह से प्रशिक्षित कार्मिक ही मतदान कार्य में लगेंगे ताकि मतदान के दिन किसी तरह की समस्या न हो।