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बीएसएफ जवान को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, मुख्यमंत्री ने की पचास लाख आर्थिक मदद की घोषणा

कानपुर के रहने वाले बीएसएफ जवान की पश्चिम बंगाल की चापघाटी सीमा चौकी में मौत हो गई थी शुक्रवार देर रात पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही स्वजन फफक पड़े और सुबह अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने भारत माता की जय का उद्घोष लगाते हुए नम आंखों से विदाई दी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 12:51 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 12:51 PM (IST)
बीएसएफ जवान को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, मुख्यमंत्री ने की पचास लाख आर्थिक मदद की घोषणा
बीएसएफ जवान की अंतिम यात्रा में उमड़ पड़े लोग।

कानपुर, जेएनएन। पश्चिम बंगाल के मालदा मुर्शिदाबाद के चापघाटी सीमा चौकी में तैनात बीएसएफ जवान की मौत होने पर शुक्रवार की शाम पार्थिव शरीर कानपुर घर पहुंचा तो स्वजन फफक पड़े। वहीं अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती रही, शनिवार सुबह अंतिम यात्रा निकाली गई तो लोगों ने भारत माता की जयकार लगाते हुए नम आंखों से विदाई दी। केबिनेट मंत्री, सांसद व विधायक समेत अफसरों ने पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए और भैरो घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।

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कानपुर के नौबस्ता मछरिया निवासी 36 वर्षीय शैलेंद्र दुबे वर्ष 2004 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे और मौजूदा समय में उनकी तैनाती 78वीं वाहिनी में तैनात थी। इस समय पश्चिम बंगाल के मालदा मुर्शिदाबाद की चापघाटी सीमा चौकी में तैनात थे। मंगलवार रात पेट्रोलिंग के दौरान नाव से पैर फिसलने से पदमा नदी में गिर गए थे और बुधवार सुबह उनका शव बाहर निकाला जा सका था। देर रात पार्थिव शरीर पैतृक निवास नौबस्ता मछरिया लाया गया। भाई आदेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार देर रात भाई शैलेंद्र का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। भाभी मीनू फतेहगढ़ स्थित मायके से बच्चों को लेकर घर आ गई थीं। शनिवार सुबह केबिनेट मंत्री सतीश महाना, सांसद देवेंद्र सिंह भोले व विधायक महेश त्रिवेदी पहुंचे और बीएसएफ जवान के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इसके बाद दिवंगत जवान की अंतिम यात्रा भैरव घाट के लिए निकाली गई और संस्कार के लिए मुखाग्नि दी गई।

मुख्यमंत्री ने परिवार को दी आर्थिक मदद : रिश्तेदार रूपेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों में एडीएम सिटी अतुल कुमार बीएसएफ जवान के घर पहुंचे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद व परिवार के सदस्य को नौकरी देने की जानकारी दी है। रूपेश के मुताबिक आर्थिक मदद की धनराशि में 35 लाख जवान की पत्नी और 15 लाख रुपये माता-पिता को दी जाएगी। इसके साथ ही क्षेत्र की एक सड़क का नामकरण बीएसएफ जवान के नाम पर किया जाएगा।


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