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आइपीएस सुरेंद्र के कई अंगों ने काम करना बंद किया

बाएं पैर में रक्त संचार न होने पर डॉक्टर्स ने हाईरिस्क आपरेशन कर निकाला खून का थक्का, यूरिन न होने पर तीन बार की गई डायलिसिस, डीजीपी भी पहुंचे हालचाल लेने

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 01:40 AM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 01:40 AM (IST)
आइपीएस सुरेंद्र के कई अंगों ने काम करना बंद किया
आइपीएस सुरेंद्र के कई अंगों ने काम करना बंद किया

जागरण संवाददाता, कानपुर : सल्फास खाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले आइपीएस सुरेंद्र दास की हालत शनिवार सुबह अचानक फिर बिगड़ गई। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। उनके बाएं पैर में खून का संचार रुक गया। जांच में खून का थक्का जमा होने की बात सामने आने पर डॉक्टर्स ने हाईरिस्क पर आपरेशन प्लान किया। आपरेशन सफल रहा, लेकिन इसका असर सात से आठ घंटे में दिखने की बात कही जा रही है। जीवनरक्षक प्रणाली के सहारे चल रहे इलाज के बाद भी उनकी हालत नाजुक बनी है। शनिवार शाम डीजीपी ओपी सिंह उनका हालचाल लेने रीजेंसी अस्पताल पहुंचे।

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वहां परिजन व डॉक्टर्स से इलाज व पूरे घटनाक्रम को लेकर विस्तृत बात की। करीब एक घंटे तक अस्पताल में रुके डीजीपी ने इलाज करने वाली टीम व अस्तपाल प्रशासन की विश्वस्तरीय इलाज देने और सुरेंद्र को बचाने के लिए पूरी कोशिश के लिए धन्यवाद दिया वहीं इलाज को लेकर उनके बैच के सभी सदस्यों के सराहनीय योगदान की प्रसंशा की। उन्होंने ईश्वर से सुरेंद्र के दीर्घायु होने की कामना की। उन्होंने बताया कि उनकी तबियत के बारे में सही जानकारी एक्मो मशीन के हटने के बाद अंगों की जांच रिपोर्ट से ही मिलेगी।

रीजेंसी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार रात को यूरिन बंद होने पर एक बार फिर उनकी डायलिसिस की गई। वहीं एक्मो मशीन की प्रक्रिया के हिसाब से खून चढ़ाने की प्रक्रिया भी जारी है। अभी तक तीन बार डायलिसिस और तीन यूनिट खून उनको चढ़ाया जा चुका है।

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यह था मामला

कानपुर में एसपी पूर्वी पद पर तैनात 2014 बैच के आइपीएस सुरेंद्र दास ने बुधवार तड़के सरकारी आवास में सल्फास खा लिया था। हालत बिगड़ने पर पत्नी डॉ. रवीना ने अधिकारियों को सूचना देकर स्टाफ व कैंट पुलिस की मदद से उर्सला में भर्ती कराया था। जहां से उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां एक्मो मशीन व वेंटीलेटर के सहारे इलाज चल रहा है। एक्मो मशीन से ऑर्गन्स का डैमेज कंट्रोल किया जा रहा है ताकि हार्ट और लंग्स को सपोर्ट मिलने पर ज्यादा प्रेशर न पड़े और रिकवरी जल्दी हो।


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