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केडीए की कई योजनाएं फंसी, अब जमीन के सत्यापन के बाद ही बनेगा आवासीय लेआउट

कानपुर विकास प्राधिकरण में वाह-वाही लूटने के लिए पहले तो आवासीय योजनाएं बना दी गईं लेकिन बाद में आवंटी फंस गए। जवाहरपुरम शताब्दी नगर समेत कई योजनाओं में विवादित भूमि समस्या बन गई। जमीन के दस्तावेजों का परीक्षण ठीक से नहीं कराया जाता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 01 Nov 2021 07:54 AM (IST)Updated: Mon, 01 Nov 2021 07:54 AM (IST)
केडीए की कई योजनाएं फंसी, अब जमीन के सत्यापन के बाद ही बनेगा आवासीय लेआउट
कानपुर विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं का हाल।

कानपुर, जागरण संवाददाता। जवाहरपुरम योजना, शताब्दीनगर, कालपी योजना, हाइवे योजना समेत कई केडीए की योजनाएं जमीन के सत्यापन न होने के कारण फंस गई। जवाहरपुरम योजना वर्ष 2007 में लांच हुई, इसमें 14 सेक्टर है इसमें कई सेक्टर जमीन विवाद के चलते फंसे हुए है। निरीक्षण के दौरान इस सच्चाई से वाकिफ हुए उपाध्यक्ष ने मातहतों को आदेश दिए है कि जमीन का सत्यापन कराने के बाद लेआउट तैयार किया जाए जिससे बाद में जमीन विवादों में न फंसे। नगरीय क्षेत्र में ग्रामीण सीङ्क्षलग किस प्रकार दर्ज हुई इसके लिए उपाध्यक्ष ने सचिव, डिप्टी कलेक्टर व तहसीलदार की अगुवाई में कमेटी गठित की है। यह कमेटी जमीन का परीक्षण करेगी। विवादित जमीन के चलते केडीए की कई योजनाएं फंसी हुई है।

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तहसीलदार टीम के साथ पहले जमीन का अधिग्रहण और खाका तैयार करते है। इसके बाद नियोजन विभाग योजना का लेआउट तैयार करता है। अभियंत्रण विभाग योजना को मौके पर मूर्तरूप देता है। मजे की बात यह है कि तीन-तीन विभाग जुड़े होने के बाद भी जमीन के दस्तावेजों का परीक्षण ठीक से नहीं कराया जाता है। बाद में योजना फंस जाती है। वर्ष 2007 में केडीए ने आइआइटी के पास जवाहरपुरम योजना 1 से 14 सेक्टर में विकसित की थी लेकिन जमीन विवाद के चलते तमाम भूखंड फंस गए। रजिस्ट्री होने के बाद भी आवंटी भटकते रहे। यहीं हाल अलकनंदा और हाईवे योजना का भी है। इसके अलावा शताब्दी नगर व कालपी रोड में भी जमीन विवाद के चलते तमाम भूखंड आवंटन के बाद फंसे हुए है।

उपाध्यक्ष अरङ्क्षवद ङ्क्षसह ने पिछले दिनों जवाहरपुरम और शताब्दीनगर योजना का निरीक्षण किया तो कई जगह विवादित जमीन के चलते योजना में कई टुकड़े फंसे हुए है। इसके बाद उन्होंने अफसरों को आदेश दिए है कि विवाद रहित प्राधिकरण की भूमि पर नई योजना के संबंध में लेआउट तैयार किए जाए। जवाहरपुरम योजना में कई सेक्टरों में भूमि काश्तकारों से विवाद या न्यायालय द्वारा स्थागनादेश होने के कारण कार्य बाधित है। ऐसे में मामलों के निस्तारण के आदेश दिए।


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