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महकमे की सह पर हटा रहे नामचीन डाक्टरों के नाम, शिवली रोड पर बेधड़क चल रहे कई सेंटरों ने बदल दिए अपने बोड

इन सेंटरों की हकीकत सामने लगाने के बाद भी सीएमओ एवं उनके मातहत चुप्पी साधे हैं। स्वास्थ्य महकमे की चुप्पी से ही संचालकों को मौन स्वीकृति मिली है। हकीकत सामने आने के बाद भी कार्रवाई न करके अधिकारी साक्ष्य मिटाने का मौका दे रहा है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 08:05 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 08:05 AM (IST)
महकमे की सह पर हटा रहे नामचीन डाक्टरों के नाम, शिवली रोड पर बेधड़क चल रहे कई सेंटरों ने बदल दिए अपने बोड
संचालक अपने-अपने बोर्ड से नामी डाक्टरों के नाम अब हटाने लगे

कानपुर, जेएनएन। स्वास्थ्य महकमे की सह पर मानकों को ताक पर रखकर शहर में धड़ल्ले से निजी अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। हद तो यह है कि यह ट्रामा सेंटर भोले-भाले मरीजों को झांसा देने के लिए अपने बोर्ड पर शहर के नामचीन डाक्टरों के नाम लिखे हुए थे। इन सेंटरों की हकीकत सामने लगाने के बाद भी सीएमओ एवं उनके मातहत चुप्पी साधे हैं। स्वास्थ्य महकमे की चुप्पी से ही संचालकों को मौन स्वीकृति मिली है। हकीकत सामने आने के बाद भी कार्रवाई न करके अधिकारी साक्ष्य मिटाने का मौका दे रहा है। इसलिए संचालक अपने-अपने बोर्ड से नामी डाक्टरों के नाम अब हटाने लगे हैं।

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कल्याणपुर शिवली रोड के एक ट्रामा सेंटर के संचालक अपने बोड पर पूर्व सीएमओ का नाम लिखे थे, जो गुरुवार को हटा दिया। इसी तरह कई निजी अस्पतालों के संचालकों ने अपने-अपने बोर्ड से स्पेशलिस्ट डाक्टरों के नाम भी हटा दिए। चंद दिनों पहले तक इन सेंटरों के बोर्ड पर शहर के नामचीन डाक्टरों के नाम लिखे थे और उन्हेंं आनकाल बुलाने का दावा भी किए हुए थे। पड़ताल में अधिकतर सेंटरों में सीटी स्कैन, एमआरआइ, ब्लड जांच केंद्र, आक्सीजन, आइसीयू, वेंटिलेटर की सुविधाएं नहीं मिली थीं।

मानक ताक पर, कार्रवाई सिफर : कल्याणपुर क्षेत्र के शिवली-कल्याणपुर मार्ग में दो-दो कमरे में निजी अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। पनकी में तो मानक ताक पर रखकर बिना पंजीकरण कई सेंटर चल रहे हैं। इसी तरह जाजमऊ एवं चकेरी क्षेत्र, जहां सीएमओ कार्यालय है, वहां भी धड़ल्ले से बिना मानक के चल रहे हैं। इन अस्पतालों में एक भी डाक्टर नहीं थें, लेकिन शहर भर के डाक्टरों के नाम लिखे थे। कमोवेश, यही हाल नौबस्ता के निजी अस्पतालों का मिला था।

कार्रवाई से ठिठक रहे अधिकारी : दैनिक जागरण ने इन सेंटरों की पड़ताल कर हकीकत से जिले के जिम्मेदारों से लेकर स्वास्थ्य महकमे के मुखिया यानी सीएमओ को अवगत कराया था। सच्चाई एवं प्रमाण सामने आने के बाद भी मिलीभगत की वजह से अधिकारी कार्रवाई से ठिठक रहे हैं। हद तो यह है कि संचालकों को साक्ष्य मिटाने का पूरा मौका दे रहे हैं, ताकि जब कार्रवाई करें तो कोई गड़बड़ी न मिलने पाए।

ट्रामा सेंटर के मानक

  • उपकरणों से सुसज्जित इमरजेंसी व सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा।
  •  जनरल सर्जन, न्यूरो सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, हार्ट सर्जन होना जरूरी।
  •  एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एबुलेंस, आक्सीजन समेत हो।
  •  ट्रेंड पैरा मेडिकल स्टाफ का होना जरूरी।
  •  मेडिकल मोबाइल वैन, जो घटनास्थल पर इलाज मुहैया करा सके।
  •  माइनर ओटी एवं एडवांस आपरेशन थियेटर होना चाहिए।
  •  पाइप लाइन से आक्सीजन सप्लाई की 24 घंटे सुविधा हो।
  •  ट्रामा सेंटर में कम से कम आइसीयू के पांच बेड होना जरूरी।
  •  डिजिटल एक्स-रे मशीन, थ्री डी अल्ट्रासाउंड की मशीन व ईसीजी मशीन।
  •  सीटी स्कैन मशीन और एमआरआइ मशीन की सुविधा होनी जरूरी।
  •  पांच वेंटिलेटर, एक ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर भी होना चाहिए।

नर्सिंग होम के मानक

  • अग्निशमन उपकरणों के अलावा पानी बिजली की व्यवस्था।
  •  संक्रमण वाले मरीजों को अलग रखने की व्यवस्था।
  •  प्रत्येक वार्ड के बेड पर पाइप लाइन से आक्सीजन व सक्शन की सुविधा।
  •  प्रशिक्षित नर्स, सुरक्षित प्रसव कक्ष व नवजात शिशु के इलाज की व्यवस्था।
  •  बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था।
  • पंजीकृत डाक्टरों की मौजूदगी में ही हो संचालन।

इनका ये है कहना

  • निजी अस्पताल संचालक नामचीन डाक्टरों के नाम दिखाकर अगर मरीजों को झांसा दे रहे हैं। ऐसे निजी अस्पताल संचालकों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करेंगे। जहां ऐसा मिला उनका पंजीकरण निरस्त किया जाएगा। - डा. नैपाल सिंह, सीएमओ, कानपुर नगर। 

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