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कानपुर: कृषि कानून वापस होते ही फिर होगी मंडी शुल्क की वसूली, मंडी समिति ने तैयारी की शुरू

नौबस्ता गल्ला मंडी के 95 फीसद कारोबारी मंडी के बाहर कारोबार करने लगे थे। इस मंडी में करीब सात सौ कारोबारी हैं। इससे उनका 1.5 प्रतिशत शुल्क बचने लगा क्योंकि कृषि कानून में कहा गया था कि मंडी के बाहर कारोबार करने वालों से मंडी शुल्क नहीं लिया जाएगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 11:12 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 11:12 AM (IST)
कानपुर: कृषि कानून वापस होते ही फिर होगी मंडी शुल्क की वसूली, मंडी समिति ने तैयारी की शुरू
कृषि बिल की वापसी का आदेश जारी होते ही शुरू हो जाएगी कार्यवाही। प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। डेढ़ फीसद शुल्क बचाने के लिए मंडी समिति परिसर के बाहर कारोबार करने वाले व्यापारियों से अब फिर मंडी शुल्क वसूला जाएगा। डेढ़ वर्ष पहले कृषि कानून लागू होते ही कारोबारियों ने मंडी के बाहर अपना कारोबार शुरू कर दिया था। अब मंडी समिति के अधिकारियों को कृषि कानूनों की वापसी का आदेश लागू होने का इंतजार है। इस कानून के चलते डेढ़ वर्ष के अंदर ही मंडी की आय प्रति माह छह करोड़ रुपये से घटकर मात्र दो करोड़ ही बची है।

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पांच जून 2020 को कृषि कानून लागू होने के बाद से नौबस्ता गल्ला मंडी के 95 फीसद से ज्यादा कारोबारी मंडी के बाहर कारोबार करने लगे थे। इस मंडी में करीब सात सौ कारोबारी हैं। इससे उनका 1.5 प्रतिशत शुल्क बचने लगा क्योंकि कृषि कानून में कहा गया था कि मंडी के बाहर कारोबार करने वालों से मंडी शुल्क नहीं लिया जाएगा। इससे नौबस्ता गल्ला मंडी पूरी तरह चौपट हो गई। उसकी आय घट गई। अब मंडी समिति की आय का मुख्य जरिया चकरपुर सब्जी व फल मंडी ही है। अक्टूबर 2021 की मंडी समिति की आय दो करोड़ रुपये है, इसमें मंडी शुल्क से 1.25 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसमें से 1.20 करोड़ रुपये आय चकरपुर सब्जी व फल मंडी से है। वहीं मात्र पांच लाख रुपये मंडी शुल्क गल्ला मंडी से मिला है। कारोबारियों ने अधिकारियों को पांच जून 2020 से ही शुल्क देने से इन्कार कर दिया था। इसलिए अब मंडी समिति कृषि कानूनों के वापस होने के आदेश का इंतजार कर रही है। इसके बाद जो कारोबारी मंडी के बाहर भी कारोबार कर रहे हैं उनसे भी शुल्क वसूला जाएगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के शुरुआती दिनों में ही यह कानून वापस ले लिया जाएगा।

बोले जिम्मेदार: कृषि कानून वापस होने पर परिसर के बाहर कारोबार कर रहे कारोबारियों को भी मंडी शुल्क देना होगा। गल्ला व्यापारियों से 1.5 प्रतिशत तो सब्जी व फल व्यापारियों से एक प्रतिशत मंडी शुल्क लिया जाएगा। - सुभाष सिंह, सचिव मंडी समिति कानपुर


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