Unnao Makhi Kand : दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को सुनवाई के लिए मिली अगली तारीख, 10 नवंबर को फिर होगी पेशी
Unnao Makhi Case अधिवक्ताओं के मुताबिक पिछली पेशी में पीडि़ता के चाचा ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उसने कहा था कि पूर्व विधायक सजायाफ्ता कुलदीप सिंह सेंगर के भय से कोई भी वकील उनका केस लडऩे के लिए तैयार नहीं हो रहा है।
उन्नाव, जागरण संवाददाता। Unnao Makhi Case माखी कांड दुष्कर्म पीडि़ता के चाचा को एक बार फिर दिल्ली पुलिस तारीख पेशी पर लेकर न्यायालय पहुंची। जहां कोर्ट नंबर छह के न्यायाधीश एडीजे आलोक शर्मा प्रशिक्षण पर होने के कारण नहीं मिले। इसपर उनके स्थान पर मामले की सुनवाई कोर्ट नंबर नौ में एडीजे गौरव शर्मा के न्यायालय में हुई, जहां बहस नहीं हो सकी। बल्कि दस नवंबर को अगली पेशी की तारीख तय करते हुए उन्हें वापस कर दिया गया। कोर्ट में मौजूद अधिवक्ताओं के मुताबिक माखी कांड की दुष्कर्म पीडि़ता के चाचा पर हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं का एक मुकदमा जनपद न्यायालय में विचाराधीन है। मंगलवार को मामले की पेशी थी। जहां पीडि़ता के चाचा और इसी मामले के विवेचक रहे तत्कालीन माखी थाने के उपनिरीक्षक व पीडि़ता के पिता की हत्या में सजा काट रहे निलंबित दारोगा केपी सिंह को भी न्यायालय में पेश किया गया था।
मुकदमे की पैरवी कौन करेगा इसपर भी नहीं हुआ निर्णय : अधिवक्ताओं के मुताबिक पिछली पेशी में पीडि़ता के चाचा ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उसने कहा था कि पूर्व विधायक सजायाफ्ता कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Senagr) के भय से कोई भी वकील उनका केस लडऩे के लिए तैयार नहीं हो रहा है। इससे वह खुद अपने मुकदमे की पैरवी करना चाहता है। इसकी अनुमति न्यायालय दे। इसपर न्यायाधीश ने कोई फैसला न लेते हुए अगली तारीख 26 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था। मंगलवार को इसी मसले पर कुछ निर्णय होने की उम्मीद थी। लेकिन, न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण कोई फैसला नहीं हो सका।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो सकती है 28 की पेशी : अधिवक्ताओं के मुताबिक 28 अगस्त को कोर्ट नंबर तीन में पीडि़ता के चाचा की अन्य मुकदमों की पेशी है। बताते हैं पीडि़ता के चाचा का दिल्ली पुलिस से कहना था कि उसे जिला जेल में ही दो दिनों के लिए रोक दिया जाए, ताकि उसे 28 अक्टूबर को पेशी पर आने में कोई समस्या न हो। इसी पर काफी देर तक पुलिस से उलझता रहा। आखिर में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट नंबर तीन में एक प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें दिल्ली उन्नाव के बीच दूरी का हवाला देखते हुए 28 की पेशी पर आरोपित अभियुक्त को न्यायालय में पेश करने में असमर्थता जताते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी करने की मांग की है। फिलहाल न्यायालय ने इसपर आवेदन पर क्या निर्णय लिया है। यह स्पष्ट नहीं हो सका है।