Mahoba Murder Case:जिले में छिपकर पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखे था बर्खास्त एसओ, पूछताछ में खुलेंगे कई राज
जांच अफसर की अर्जी पर भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने दी रिमांड। फरार आरोपितों को पकडऩे में मिलेगी मदद की जाएगी पूछताछ। गृह जनपद उरई के साथ कई जिलों में दबिश दे आई पुलिस आरोपित जिले में ही मिला। मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर महोबकंठ में काटी 77 दिन फरारी।
कानपुर, जेएनएन। महोबा जिले के बहुचर्चित प्रकरण क्रशर कारोबारी इंद्रकांत की मौत का मामला में गिरफ्तार हुए बर्खास्त एसओ देवेंद्र शुक्ला को गुरुवार को लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया गया। जांच अफसर की अर्जी पर कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड दी है। इससे जांच टीम को अब कई राज उजागर करने और फरार आरोपितों को पकडऩे में मदद मिलेगी।
शातिराना तरह जिले में ले रखे था शरण
क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी मौत प्रकरण के आरोपित निलंबित एसपी ही नहीं अन्य दोनों बर्खास्त पुलिसकर्मियों ने भी पुलिस को खूब छकाया। बर्खास्त एसओ कबरई देवेंद्र शुक्ला पुलिस की नाक के नीचे बना रहा और पुलिस गृह जनपद उरई से लेकर न जाने कहां-कहां की खाक छानती रही जबकि आरोपित जिले में महोबकंठ ही छिपकर पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रखे था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूरे घटनाक्रम के बीच आरोपित जिला छोड़कर कहीं गया ही नहीं। उसने अपने लिए सबसे मुफीद स्थान झांसी सीमा के आसपास ही तलाशा। कबरई से 55 जबकि मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर महोबकंठ क्षेत्र में शरण ले रखी थी। वहां से उसे पुलिस की हर गतिविधि की जानकारी मिल रही थी। दूसरा कारण यह भी था कि वहां वह छिपा हो सकता है, यह पुलिस सोच भी नहीं पाई। यही कारण था कि पुलिस टीमें उसकी तलाश में झांसी, उरई, बांदा, फतेहपुर में दबिश दे रही थीं, एक बार भी अजनर या जिले के अन्य संदिग्ध ठिकानों पर कभी भी दबिश नहीं दी गई। आखिर 77 दिन बाद पकड़े जाने के बाद पुलिस ने राहत की सांस भले ही ली हो लेकिन अभी भी आरोपित एसपी मणिलाल और बर्खास्त सिपाही अरुण यादव को पकडऩा बड़ी चुनौती है। एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार सक्रिय है।
हासिल की जाएंगी अहम जानकारियां
बर्खास्त किए जा चुके कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला को बुधवार को महोबकंठ थानाक्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार सुबह महोबा पुलिस ने उसे लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया। प्रकरण की जांच कर रहे प्रयागराज के एसपी अपराध आशुतोष मिश्र ने बताया कि आरोपित की रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई। इस पर कोर्ट ने उसे 14 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में दिए जाने के आदेश दिए। बताया कि उससे फरार चल रहे आरोपित पूर्व एसपी मणिलाल व बर्खास्त सिपाही अरुण यादव को गिरफ्तार करने को लेकर अहम जानकारियां हासिल की जाएंगी। उल्लेखनीय है कि सात सितंबर को क्रशर कारोबारी दिवंगत इंद्रकांत ने ऑडियो-वीडियो वायरल करके तत्कालीन महोबा एसपी मणिलाल, तत्कालीन एसओ कबरई देवेंद्र शुक्ला पर वसूली करने का आरोप लगाते हुए खुद की जान को खतरा बताया था। उन्होंने सीएम को भी पत्र भेजा था। आठ सितंबर को गोली लगने से इंद्रकांत अपनी गाड़ी में घायल मिले थे। कानपुर स्थित रीजेंसी अस्पताल में 13 सितंबर को उनकी मौत हो गई थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद एसआइटी जांच में सिपाही अरुण यादव का नाम भी आरोपितों में जोड़ा गया था। आरोपित ब्रह्मदत्त व सुरेश सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो लखनऊ जेल में हैं। आरोपित एसपी और बर्खास्त सिपाही की तलाश में अभी पुलिस टीमें जुटी हैं।