Mahoba Murder Case: फरार एसपी मणिलाल पाटीदार पर अब 50 हजार का इनाम घोषित, आइजी ने टीमों को सक्रिय रहने का दिया निर्देश
दिवंगत क्रशर कारोबारी इंद्रकांत ने सात सितंबर को महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार और थाना कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर जबरन वसूली का आरोप उनसे अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो व वीडियो वायरल किया था। इस संबंध में मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भी भेजा था।
महोबा, जेएनएन। महोबा जिले के बहुचर्चित इंद्रकांत प्रकरण में आइजी ने निलंबित एसपी पाटीदार पर घोषित इनाम की राशि बढ़ा दी है। इससे पहले आरोपित पर इनामी राशि 25 हजार थी। एक दिन पहले ही आरोपित पर धनराशि बढ़ाने के लिए महोबा एसपी ने आइजी को पत्र लिखा था। इनामी राशि बढ़ाए जाने की पुष्टि करते हुए आइजी ने कहा कि आरोपित की पकड़ के लिए लगी टीमें और सक्रिय कर दी गई हैं।
क्रशर कारोबारी की मौत मामले में आरोपित एसपी अभी भी पुलिस को लगातार चकमा दे रहा है। उसकी पकड़ के लिए लगी टीमों के हाथ सफलता लगती न देख आला अधिकारियों ने आरोपित पर इनाम घोषित किया था।
29 नवंबर को घोषित हुआ था इनाम
इससे पहले आरोपित एसपी और आरोपित सिपाही अरुण यादव पर 25-25 हजार का इनाम 29 नवंबर को घोषित किया गया था। एक दिसंबर को आरोपित सिपाही ने लखनऊ कोर्ट में सरेंडर किया था। इससे पूर्व आरोपित एसओ को 25 नवंबर को जिले के ही महोबकंठ थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लखनऊ जेल भेजा जा चुका है। आरोपित एसपी पर पहले महोबा एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव की ओर से इनाम घोषित हुआ था। शनिवार को एसपी ने इनामी राशि में बढ़ोत्तरी के लिए आइजी चित्रकूटधाम मंडल बांदा को फाइल भेजी थी।
इनका ये है कहना
क्रशर कारोबारी की मौत मामले में फरार आरोपित तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर पहले 25 हजार का इनाम था, इनामी धनराशि में बढ़ोत्तरी करने के संबंध में महोबा एसपी की ओर से पांच दिसंबर को पत्र मिला था, फाइल का अध्ययन करने के बाद रविवार को आरोपित फरार एसपी पर इनामी राशि 50 हजार घोषित कर दी गई है। - के सत्यनारायण, आइजी चित्रकूट धाम मंडल बांदा।
यह था मामला
दिवंगत क्रशर कारोबारी इंद्रकांत ने सात सितंबर को महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार और थाना कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर जबरन वसूली का आरोप, उनसे अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो व वीडियो वायरल किया था। इस संबंध में मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भी भेजा था। आठ सितंबर को इंद्रकांत गोली लगने से अपनी गाड़ी में घायल मिले थे। 13 सितंबर को कानपुर रीजेंसी में उनकी मौत हो गई थी। दिवंगत के भाई रविकांत त्रिपाठी ने मामले में पूर्व एसपी व एसओ सहित चार के खिलाफ कबरई थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था। बाद में एसआइटी जांच के दौरान सिपाही अरुण यादव का नाम भी जोड़ा गया था।