Mahoba Murder Case: बर्खास्त एसओ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, पाटीदार के खिलाफ पुलिस की दबिश जारी
आरोपित अरुण यादव की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 16 को। आरोपित एसपी की जमानत याचिका पर सुनवाई इलाहाबाद कोर्ट में 16 को होगी। दिवंगत कारोबारी के भाई व वादी बोले- डायरी-फाइल मिलें तो खुले कई राज। जांच में पता चला था कार की चाबी दी थी बर्खास्त एसओ को।
महोबा, जेएनएन। क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी मौत प्रकरण में आरोपित बर्खास्त कबरई एसओ देवेंद्र शुक्ला की अग्रिम जमानत याचिका भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट लखनऊ ने खारिज कर दी। आरोपित एसपी और सिपाही की अग्रिम जमानत याचिका पर 16 दिसंबर को सुनवाई होगी। इधर आरोपित एसपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
प्रकरण के वादी व दिवंगत कारोबारी के भाई रविकांत त्रिपाठी ने बताया कि बहस के बाद आरोपित की अग्रिम जमानत याचिक खारिज कर दी गई है। आरोपित एसपी मणिलाल पाटीदार की अग्रिम जमानत को लेकर दी गई याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई 16 दिसंबर को होनी है जबकि सिपाही अरुण यादव की अग्रिम जमानत याचिका पर लखनऊ की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में भी सुनवाई 16 दिसंबर को ही होगी।
जांच अधिकारी प्रयागराज के एसपी क्राइम आशुतोष मिश्र ने बताया कि आरोपित एसपी की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगातार दबिश दे रही हैैं।
यह था मामला
आठ सितंबर को दिवंगत इंद्रकांत त्रिपाठी को गोली लगने के पहले उनकी ओर से सात सितंबर को ऑडियो-वीडियो वायरल हुआ था। इसमें कबरई एसओ, तत्कालीन एसपी तथा अन्य पर वसूली व उनसे अपनी जान को खतरा बताया था। बाद में 13 सितंबर को कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल में कारोबारी की मौत हो गई थी। मामले में उनके भाई रविकांत त्रिपाठी ने पहले हत्या के प्रयास का मुकदमा लिखाया था जो बाद में हत्या में तरमीम हो गया था। एसआइटी जांच के बाद आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धाराओं में मामला बदल दिया गया था। मामले में एसओ, सिपाही व दो अन्य लोग पुलिस गिरफ्त में हैं। आरोपित एसपी की तलाश जारी है।
अब तक नहीं मिले कार से गायब डायरी और अभिलेख
जिस गाड़ी में दिवंगत कारोबारी घायल मिले थे उसमें एक डायरी और एक फाइल भी थी। ये जानकारी गाड़ी को थाने ले जाने वाले चालक, सिपाही ने एसआइटी को पूछताछ में दी थी। यह भी कहा था कि वह दस्तावेज गाड़ी खड़ी करने के दौरान भी रखे थे। बाद में गाड़ी की चाबी तत्कालीन एसओ कबरई देवेंद्र शुक्ला को दे दी थी। उसके बाद से उन दस्तावेजों का पता नहीं है। एसओ की गिरफ्तारी के बाद भी उनका कुछ पता नहीं चल सका है जबकि वह राज खोलने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
आठ सितंबर को इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी जिस कार में घायल पाए गए थे उसे घटना के दिन देर रात तत्कालीन कबरई एसओ देवेंद्र शुक्ल के निर्देश पर प्राइवेट चालक व एक सिपाही थाने लाए थे। एसआइटी की पूछताछ में उक्त चालक व सिपाही कृष्ण कांत ने कार में फाइल व डायरी पिछली सीट में रखे होने की बात स्वीकारी थी। उन्होंने गाड़ी की चाबी एसओ देवेंद्र शुक्ल को देने की बात कही थी। आरोपित बर्खास्त की गिरफ्तारी के बावजूद डायरी व फाइल का न मिलना वादी रविकांत त्रिपाठी के गले नहीं उतर रहा है। उनका कहना है कि इंद्रकांत ने घटना वाले दिन ही वीडियो वायरल कर तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ सुबूत मीडिया के सामने प्रस्तुत करने की बात कही थी। जिसके चार घंटे बाद ही वह गाड़ी में गोली लगने से घायल मिले थे। ऐसे में उक्त डायरी व फाइल में पूर्व एसपी सहित सभी आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य रहे होंगे। जांच अधिकारी आशुतोष मिश्र ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ हुई है, अभी जांच जारी है। इनके बारे में जानकारी की जाएगी।