Mahoba Corruption Case : विजिलेंस के निशाने पर खाकी, एक-एक सुबूत जुटा रही है टीम
वाहनों से उगाही करने वाले सिपाहियों के नाम की सूची तैयार करने में जुटी टीम।
महोबा, जेएनएन। कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में पूर्व एसएसपी मणिलाल पाटीदार पर हत्या के साथ ही भ्रष्टाचार का भी मुकदमा है। उनके साथ ही सहयोग करने वाले कुछ शार्गिद के नाम भी मुकदमा दर्ज है। इसमें अभी भी बहुत ऐसे छोटे प्यादे हैं, जिनके नाम तो सामने नहीं आए हैं, लेकिन विजिलेंस की जांच की आंच अब उन तक पहुंचने लगी है। तीन दिन की जांच के दौरान टीम ने कबरई, महोबा, खरेला, सहित आसपास के उन गांवों का दौरा किया है जहां से खनन लदे वाहन गुजरते हैं।
एसपी विजिलेंस हरदयाल सिंह छह सदस्यीय टीम के साथ महोबा में डेरा डाले हुए हैं। वहां कहां ठहरते हैं, कहां और कब जांच करने जाना है, किससे पूछताछ करनी है, इसकी जानकारी किसी को नहीं देतेे। यहां तक कि पुलिस के अधिकारी भी उनकी लोकेशन नहीं ले सकते। पहले दिन टीम ने कबरई थाने में दर्ज मुकदमा और पूर्व में हुई जांच के दस्तावेज देखे थे और कई कागजात रिकार्ड के लिए रख लिए हैं।
गांवों में जाकर सच्चाई परख रही टीम
विजिलेंस टीम पुलिस अधिकारियों से दूर हटकर गांव-गांव जाकर ग्रामीणों के बयान ले रही है। गुरुवार व शुक्रवार को टीम ने खरेला कस्बा, बसौर, पुनिया, सिवहार गांव पहुंच कर ट्रकों के आवागमन और ओवरलोङ्क्षडग की सच्चाई देखी। पुनिया गांव के एक ग्रामीण ने टीम को बताया कि रात के समय ट्रकों की लाइन लगती है। यहां दो से चार सिपाही तैनात रहते हैं और हर ट्रक से पांच सौ रुपये तक की वसूली होती है।
निशाने पर पिकेट सिपाही
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण के दौरान वहां सामग्री पहुंचाने के लिए वाहन कानपुर-सागर हाईवे से खरेला होकर गुजरते हैं। यहां पर अधिकांश किस थाने का दखल रहता है। पुलिस पिकेट कहां लगती है, इस पर भी विजिलेंस टीम नजर रखे है। टीम ने थानों से सूची भी ले ली है।
इनका ये है कहना
एसपी विजिलेंस हरदयाल सिंह ने कहा कि उनकी जांच गुप्त है। सारी रिपोर्ट तैयार करके शासन को देनी है। वह भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे हैं।