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महोबा कांड : कम नहीं हैं राजफाश के दावों में सुराख, पड़ताल में सामने आईं कई चौंकाने वाली जानकारियां

एसआइटी ने अपनी जांच में आत्महत्या की बात कही है लेकिन उसे भी खुलकर स्वीकार नहीं कर पाई है पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डॉक्टर के बयान में अंतर से ही संदेह की स्थिति बन गई है। इसके अलावा भी कई बातें भी अस्पष्ट बनी हुई हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 05:17 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 05:17 PM (IST)
महोबा कांड : कम नहीं हैं राजफाश के दावों में सुराख, पड़ताल में सामने आईं कई चौंकाने वाली जानकारियां
महोबा कबरई में क्रशर कारोबारी की मौत का मामला। फाइल फोटो

कानपुर, जेएनएन। महोबा में कबरई के क्रशर कारोबारी प्रकरण में एसआइटी जांच के बाद किया गया राजफाश बहुत कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। वजह यह, किए गए दावों में सुराख कम नहीं हैं। कुछ सुबूतों का हवाला देकर हत्या को भले नकारा गया लेकिन, अधिकारी आत्महत्या की बात भी खुलकर स्थापित करने से बच रहे। बंदूक से छूटी गोली वापस नहीं आती लेकिन, दिशा बदल सकती है। अटपटा लगने वाली यह बात कारोबारी की मौत के मामले में मुमकिन हुई है।

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो गोली पीछे से लगी थी, एसआइटी ने अपनी जांच में आगे सामने से लगना बताया है। पुलिस इस दावे का आधार डॉक्टरों के बयान को बता रही है जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के उलट है। पीड़ित पक्ष की तरफ से कराए गए हत्या की रिपोर्ट में आरोपित एक आइपीएस अफसर है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बावजूद कहानी हत्या के आरोप को झुठला आत्महत्या का रूप ले चुकी है।

पड़ताल में सामने आईं ये बातें

दैनिक जागरण की पड़ताल में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के यू-टर्न के बाद फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साक्ष्यों ने आइपीएस मणिलाल पाटीदार की राह आसान कर दी। शुक्रवार को महोबा में एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश ने एक पत्रकार वार्ता में दावा किया कि जो गोली क्रशर कारोबारी को लगी थी, उनकी लाइसेंसी पिस्टल से चली थी। आत्महत्या शब्द का प्रयोग करने से वह बचे, लेकिन दावे से इशारा आत्महत्या की ओर ही था।

जागरण से बातचीत में एडीजी ने कहा, परिस्थितिजन्य साक्ष्य आत्महत्या की ओर ही इशारा कर रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल था कि जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली पीछे से चलने की बात कही गई थी तो यह कैसे हो सकता है। एडीजी का कहना है, डॉक्टरों ने इंजरी प्वाइंट गलत लिख दिए। एसआइटी को दिए गए बयान में डॉक्टरों ने माना कि एक नंबर को दो और दो नंबर को एक लिख दिया था।

फॉरेंसिक टीम के साक्ष्यों का निष्कर्ष

स्टेट फॉरेंसिक टीम ने जो साक्ष्य एकत्र किए हैं, उसमें गोली पीछे से नहीं बल्कि आगे से चलने का निष्कर्ष निकाला गया है। फोरेंसिक विशेषज्ञों के मुताबिक आगे की ओर ही ब्लैकनिंग व बर्निंग के साक्ष्य मिले हैं, जो इंट्री प्वांइट का प्रमाण है। जिधर से गोली अंदर जाती है, वहां के टिश्यू अंदर धंसते हैं और बाहर वाले प्वाइंट पर टिश्यू बाहर की ओर निकलते हैं। गोली में इंद्रकांत की शर्ट की महीन कतरन भी मिली है। गोली आगे से शर्ट को चीरती हुई गाड़ी की पीछे वाली सीट में धंस गई।

जांच के लिए भेजी गई थीं सात पिस्टल

एडीजी के मुताबिक बरामद गोली के साथ जांच के लिए सात पिस्टल आगरा लैब भेजी गई थीं। गोली का मिलान इंद्रकांत की पिस्टल से ही हुआ।

दो ऑडियो भी बड़े सुबूत

एडीजी ने बताया कि एसआइटी को एक दर्जन ऑडियो मिले हैं। दो ऑडियो अजरुन सिंह के हैं। एक में वह कारोबारी के सहयोगी बृजकिशोर से कहते हैं कि इंद्रकांत ने आत्महत्या कर ली है। दूसरे ऑडियो में वह कह रहे हैं कि पिस्टल घायल इंद्रकांत के दोनों पैरों के बीच पड़ी है। मोबाइल सर्विलांस से पता चला है कि कोई दूसरा मोबाइल उक्त स्थान पर सक्रिय नहीं था।


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