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12 माह तलाशती रहीं 25 टीमें, आरोपित मणिलाल पाटीदार का अब तक सुराग नहीं लग पाया

Mahoba case कानपुर में 13 सितंबर को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। घटना को हुए पूरे एक साल बीत गया लेकिन इंद्रकांत मौत प्रकरण के मुख्य आरोपित एक लाख रुपये के इनामी और भगोड़े IPS पाटीदार को पकडऩा तो दूर उसकी छाया तक नहीं पहुंच सकी

By Akash DwivediEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 07:24 PM (IST)
12 माह तलाशती रहीं 25 टीमें, आरोपित मणिलाल पाटीदार का अब तक सुराग नहीं लग पाया
एक लाख रुपये के इनामी और भगोड़े आइपीएस पाटीदार

महोबा, जेएनएन। आठ सितंबर 2020। यह वो दिन था, जब दोपहर करीब दो बजे कबरई कस्बे से चार किमी दूर बघवा खुड़ा के पास सड़क किनारे कार में क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी गोली लगने से लहूलुहान हालत मिले। इस घटना से मानो भूचाल आ गया। इंद्रकांत ने दो घंटे पहले करीब 12 बजे वीडियो वायरल कर अगले दिन नौ सितंबर को प्रेस कांफ्रेंस कर पुलिस के भ्रष्टाचार के सुबूत पेश करने की बात कही थी। सात सितंबर को भी वह एक वीडियो वायरल कर तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर वसूली का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए जान को खतरा बता चुके थे।

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कारोबारी ने कानपुर में 13 सितंबर को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। घटना को हुए पूरे एक साल बीत गया, लेकिन इंद्रकांत मौत प्रकरण के मुख्य आरोपित एक लाख रुपये के इनामी और भगोड़े आइपीएस पाटीदार को पकडऩा तो दूर, उसकी छाया तक नहीं पहुंच सकी। 12 माह में उसकी तलाश में लगी प्रयागराज की दो विशेष टीमें, एसटीएफ, विजिलेंस और महोबा जिले की पुलिस को मिलाकर 25 टीमें आज तक खाली हाथ हैं।

क्रशर कारोबारी इंद्रकांत ने मणिलाल पाटीदार पर छह लाख रुपये हर माह रंगदारी मांगने के आरोप के साथ रकम न देने पर हत्या का अंदेशा जताया था। पुलिस के दबाव व कानूनी कार्रवाई की धमकियों से त्रस्त होकर मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भी भेजा था। कार्रवाई तब शुरू हुई, जब कारोबारी को गोली लगने के बाद मामला गर्माया। दिवंगत के भाई रविकांत त्रिपाठी ने पूर्व एसपी व थाना प्रभारी कबरई देवेंद्र शुक्ल सहित चार लोगों के खिलाफ कबरई थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच के दौरान बाद में सिपाही अरुण यादव का नाम मामले में जोड़ा गया। हत्या का मामला आत्महत्या में परिवर्तित हो गया। इस समय प्रकरण में बर्खास्त एसओ, सिपाही अरुण के साथ आरोपित सुरेश सोनी और ब्रह्मदत्त द्विवेदी लखनऊ जेल में हैं।

पाटीदार पर अब तक कार्रवाई : एसआइटी जांच के बाद आगे की विवेचना प्रयागराज के एसपी अपराध आशुतोष मिश्र को सौंपी गई थी। उन्होंने कोर्ट में हाजिर न होने पर कबरई थाने में दिसंबर 2020 में धारा 174ए के तहत मुकदमा कराया था। इसके बाद विदेश भागने से रोकने के लिए मणिलाल पाटीदार के खिलाफ आउटलुक नोटिस जारी की गई। जून 2021 में इनामी राशि बढ़ा कर एक लाख रुपये कर दी गई। आत्महत्या दुष्प्रेरण मामले में हाजिर न होने पर कोर्ट के आदेश से कुर्की की कार्रवाई हो चुकी है। लखनऊ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट के आदेश से 23 जुलाई को कोर्ट की अवहेलना का मुकदमा हुआ, सीआरपीसी की धारा 82 का नोटिस भी चस्पा हो चुका है।

इनका ये है कहना

  • आरोपित आइपीएस की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। उसकी तलाश के लिए एसटीएफ, खुफिया टीमें, महोबा पुलिस की टीमें लगातार लगी हुई हैं। - के सत्यनारायण, आइजी, चित्रकूट धाममंडल

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