Mahoba Case: कबरई कांड में आरोपित पूर्व एसपी को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी, कुर्की का नोटिस जारी
कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के फैसले से दिवंगत व्यापारी इंद्रकांत के स्वजन खुश धारा 82 के तहत कुर्की नोटिस को विवेचक को रिसीव कराई गई है। मामले में पूर्व एससपी मणिलाल पाटीदार समेत आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। महोबा जनपद के कबरई क्षेत्र में क्रशर व्यापारी इंद्रकांत की मौत के मामले में फरार चल रहे आरोपित महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार को अब भगोड़ा घोषित करने की तैयारी की जा रही है। कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। इसके साथ ही धारा 82 के तहत कुर्की की नोटिस विवेचक आशुतोष मिश्र को रिसीव करा दी गई है।
महोबा के पूर्व एसपी आरोपित मणिलाल पाटीदार के वकीलों ने इंद्रकांत की मौत और ट्रांसपोर्टर पीपी पांडेय की ओर से महोबा कोतवाली में 10 सितंबर को भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत लिखाई गई रिपोर्ट के मामले में लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दोनों ही मामलों की याचिकाएं खारिज कर दीं। मामले के वादी ने फोन से इसकी जानकारी दी तो कोर्ट के फैसले से स्वजन खुश नजर आए।
वादी ने बताया कि 10 और 13 नवंबर को बहस के बाद अग्रिम जमानत याचिका खारिज की गईं। वर्तमान में मामले की जांच कर रहे और फरार आरोपितों मणिलाल पाटीदार, देवेंद्र शुक्ला व अरुण यादव की गिरफ्तारी की कोशिश में जुटे प्रयागराज अपराध शाखा के एसपी आशुतोष मिश्र को कुर्की की नोटिस आरोपितों के यहां चस्पा करने को दी गई है। अब इसके बाद कुर्की की कार्रवाई होगी। जल्द ही भगोड़ा भी घोषित किया जा सकता है।
बता दें कि आठ सितंबर को गोली लगने से घायल इंद्रकांत त्रिपाठी ने एक दिन पूर्व सात सितंबर को तत्कालीन एसपी पाटीदार से अपनी जान का खतरा बताया था। मौत होने की स्थिति में मणिलाल व उनके सहयोगियों को दोषी माने जाने संबंधी वीडियो भी वायरल किया था। इसी के आधार पर इंद्रकांत के भाई रविकांत त्रिपाठी की तहरीर पर मणिलाल समेत चार लोगों पर 11 सितंबर को कबरई थाने में मुकदमा लिखा गया था। 13 सितंबर को इंद्रकांत की मौत के बाद आरोपितों के खिलाफ हत्या की धारा 302 बढ़ाई गई थी।
बाद में शासन ने जांच एसआइटी को सौंपी थी। नौ दिन की जांच के बाद सभी आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या दुष्प्रेरण व भ्रष्टाचार की धाराओं में तब्दील हुआ था। इसी दौरान मुकदमें में पांचवें आरोपित सिपाही अरुण यादव का भी नाम शामिल हुआ था। दो आरोपित सुरेश सोनी व ब्रह्मदत्त को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि बाकी अभी तक पकड़ से दूर हैं।