कानपुर में माघ मेले के पहले स्नान के लिए बंद हुईं टेनरियां, निगरानी के लिए बनाई गईं सात टीम
दिसंबर माह में शासन ने माघ मेले के सभी स्नान पर्वों से पहले जाजमऊ और आसपास की उन तमाम टेनरियों व कारखानों को बंद कराने के आदेश दिए थे जिनसे प्रदूषणकारी व रंगीन उत्प्रवाह निकलकर गंगा में मिल रहा है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। माघ मेले के 14 जनवरी को होने वाले पहले स्नान के मद्देनजर गंगा को निर्मल बनाने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर जाजमऊ व आसपास की तमाम टेनरियों को बंद करा दिया गया है। साथ ही जिला प्रशासन ने इन औद्योगिक इकाइयों पर नजर रखने के लिए संबंधित एसीएम और एसडीएम के निर्देशन में सात टीमें गठित की हैं। अब तक कहीं भी आदेशों का उल्लंघन नहीं मिला है।
दिसंबर माह में शासन ने माघ मेले के सभी स्नान पर्वों से पहले जाजमऊ और आसपास की उन तमाम टेनरियों व कारखानों को बंद कराने के आदेश दिए थे, जिनसे प्रदूषणकारी व रंगीन उत्प्रवाह निकलकर गंगा में मिल रहा है। इस संबंध में टेनर्स एसोसिएशन को पत्र भी भेजा गया था। 14 तारीख को माघ मेले का पहला स्नान होना है। इसके चलते मंगलवार को ही जिला प्रशासन और उप्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीमों ने जाजमऊ व महाराजपुर आदि स्थानों की तमाम टेनरियों व अन्य कई औद्योगिक इकाइयों को बंद करा दिया। उप्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल माथुर ने बताया कि प्रमुख स्नान पर्वों को ध्यान में रखकर टेनरियों व अन्य फैक्ट्रियों का उत्पादन बंद रखने के लिए चार-चार दिन का रोस्टर बनाया गया है। इसके मुताबिक माघ मेले के दौरान होने वाले स्नान पर्व से तीन दिन पहले ही यह टेनरियां बंद होनी हैं और पर्व खत्म होने के बाद शुरू होंगी। अगर चोरी छिपे किसी भी टेनरी का संचालन होता मिला तो टीम उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेगी। मंगलवार को टेनरियां बंद करा दी गई थीं और टीमें लगातार निगरानी भी कर रही हैं।
इन स्नान पर्वों पर होगी बंदी: मकर संक्रांति स्नान के कारण 11 जनवरी से 14 जनवरी तक, पौष पूर्णिमा स्नान के चलते 14 से 17 जनवरी तक, मौनी अमावस्या के स्नान के कारण 29 जनवरी से एक फरवरी तक, बसंत पंचमी स्नान के मद्देनजर दो से पांच फरवरी तक. माघी पूर्णिमा पर स्नान को देखते हुए 13 से 16 फरवरी तक और महाशिवरात्रि पर्व पर स्नान होने के कारण 26 फरवरी से एक मार्च तक टेनरियां बंद होंगी।