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कानपुर सर्राफ लूट केस: लखनऊ एसटीएफ के डिप्टी एसपी ने घटनास्थल पहुंच की पूछताछ, पीड़ित ने पुलिस से मांगी सुरक्षा

बुधवार रात एम-ब्लाक किदवई नगर के सुरेश वर्मा अपने बेटे शशांक के साथ के-ब्लाक किदवई नगर स्थित अपनी दुकान गायत्री ज्वैलर्स में थे। इसी बीच सफेद रंग की बिना नंबर वाली बोलेरो कार से सवार पहुंचे और पिता-पुत्र को गोली मारने के बाद शशांक से बैग लूटकर भाग निकले थे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 09:21 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 09:21 AM (IST)
कानपुर सर्राफ लूट केस: लखनऊ एसटीएफ के डिप्टी एसपी ने घटनास्थल पहुंच की पूछताछ, पीड़ित ने पुलिस से मांगी सुरक्षा
लखनऊ के डिप्टी एसपी ने घटनास्थल पहुंच कर पूछताछ की है। प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। नौबस्ता थाना क्षेत्र में के-ब्लाक में सर्राफ पिता-पुत्र को गोली मारकर लूटपाट करने के मामले में लुटेरों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। स्थानीय थानों की टीमों के साथ क्राइम ब्रांच काम कर रही है। रविवार से इस मामले में एसटीएफ लखनऊ यूनिट की टीम भी लग गई है। लखनऊ यूनिट के डिप्टी एसपी शहर पहुंचे। जहां उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ आसपास के लोगों से घटना के संबंध में पूछताछ की। वहीं वह पीडि़त से भी मिलने पहुंचे और जल्द राजफाश का भरोसा दिलाया।

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एम-ब्लाक किदवई नगर के सुरेश वर्मा के-ब्लाक किदवई नगर में गायत्री ज्वैलर्स के नाम से दुकान चलाते हैं। बीते बुधवार की रात नौ बजे वह दुकान बंद कर रहे थे। 30 वर्षीय बेटा शशांक उर्फ यशु भी वहां मौजूद था। शशांक बगल की बेकरी की दुकान के बाहर कंधे पर दो बैग टांग कर बातचीत कर रहा था। इसी बीच सफेद रंग की बिना नंबर वाली बोलेरो कार से सवार पहुंचे और पिता-पुत्र को गोली मारने के बाद शशांक से बैग लूटकर भाग निकले थे। बदमाश टेलीफोन एक्सचेंज वाली रोड से होकर किदवई नगर थाने वाली रोड पहुंचे। यहां चौराहे से पहले ही बाईं ओर की गली में मुडऩे के बाद गायब हो गए थे। इसके बाद से कहीं कोई फुटेज नहीं मिली थी। पुलिस ने शहर समेत सात जिलों की जेल के खबरियों और पुराने अपराधियों को फुटेज दिखाकर बदमाशों की पहचान करने के प्रयास शुरू किए थे। पुलिस मामले को उन्नाव सोना लूट कांड से जोड़कर छानबीन कर रही है। तीन टीमें अन्य जनपदों में लुटेरों की तलाश कर रहीं हैं तो किदवई नगर, गोविंद नगर और बाबूपुरवा थाने की टीमों को सीसीटीवी फुटेज खंगालने वाली टीम के साथ लगाया गया है। रविवार से मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) लखनऊ यूनिट भी लग गई है। एसटीएफ लखनऊ यूनिट के डिप्टी एसपी अमित नागर पहले घटनास्थल गए। यहां से वह सुरेश के घर पहुंचे। उन्होंने उनसे स्वास्थ्य लाभ की जानकारी ली और बदमाशों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया।

सीसीटीवी फुटेज साथ ले गई एसटीएफ:थाना प्रभारी नौबस्ता अमित कुमार भड़ाना ने बताया कि रविवार को आए  लखनऊ यूनिट के डिप्टी एसपी ने सीसीटीवी फुटेज देखे। उनकी टीम अब तक जुटाए गए सभी सीसीटीवी फुटेज साथ ले गई है।

घटना के मुख्य संदिग्ध की हादसे में मौत की जानकारी के बाद लौटी टीम

इनपुट के आधार पर पुलिस की निगाहें हरदोई के शातिर बदमाश पर टिकी थीं। सत्यापन के लिए तीन पुलिस टीमों को हरदोई, लखनऊ व सीतापुर भेजा गया था। यहां संदिग्ध की कुछ समय पहले हादसे में मौत होने की जानकारी हुई।  सितंबर माह में नौबस्ता में दंपती संग हुई लूट के मामले में पुलिस को छानबीन में पता चला था कि हरदोई के संजय शुक्ला का गैंग इस तरह से वारदात को अंजाम देता है। पुलिस इस गैंग पर नजर रखे थी। इस वारदात में भी वही तरीका अपनाया गया था। इसलिए पुलिस संजय शुक्ला को मुख्य संदिग्ध मानकर छानबीन कर रही थी। हरदोई के आसपास के जिलों में इस गैंग की सक्रियता को देखते हुए तीन टीमों को फुटेज की मदद से सत्यापन के लिए भेजा गया था। पुलिस ने संजय के कई करीबियों और जानकारों को फुटेज दिखाई तो उन लोगों ने भी संजय जैसा ही हुलिया बताया। पुलिस की छानबीन में सामने आया कि वारदात से पहले 15 नवंबर को ही सड़क हादसे में उसकी मौत हो चुकी है। इससे पुलिस की जांच की यह लाइन भी बंद हो गई है। सर्विलांस टीम की मदद से टावर डाटा निकल वाया गया था। इसमें कई संदिग्ध नंबर मिले हैं। उन पर पुलिस काम कर रही है।

पीड़ित सर्राफ ने पुलिस आयुक्त से मांगी सुरक्षा

गोली मारकर लूट की वारदात के बाद पीड़ित सुरेश वर्मा जान का खतरा बता रहे हैं। रविवार को सुरेश स्वजन संग पुलिस आयुक्त असीम अरुण से मिले। उन्होंने सुरक्षा दिए जाने की मांग की। इस पर पुलिस आयुक्त ने एक गनर दिया है। वहीं उन्होंने उनके  असलहे की फाइल को भी आगे बढ़ाया है।

क्या बोले जिम्मेदार: बीटीएस का डाटा डंप करके संदिग्ध नंबर निकाले गए हैं। अन्य बिंदुओं पर भी पुलिस टीमें काम कर रहीं हैं। एसटीएफ लखनऊ यूनिट ने भी घटनास्थल का जायजा लिया है। संयुक्त रूप से टीमें काम कर रहीं हैं। - मनीष सोनकर, एडीसीपी साउथ


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