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सरकार के अधिकारियों को दबाव में टूटने से बचाएगा 'लव यू जिंदगी'

पारिवारिक और आफिस के कार्यों के दबाव में आइपीएस एसके दास और राजेश साहनी द्वारा की गई आत्महत्या को देखते वाणिज्य कर अधिकारियों की मनोदशा को लेकर चिंतित है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 08:55 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 08:58 AM (IST)
सरकार के अधिकारियों को दबाव में टूटने से बचाएगा 'लव यू जिंदगी'
सरकार के अधिकारियों को दबाव में टूटने से बचाएगा 'लव यू जिंदगी'

कानपुर (राजीव सक्सेना)। पारिवारिक और आफिस के कार्यों के दबाव में आइपीएस एसके दास और राजेश साहनी द्वारा की गई आत्महत्या को देखते वाणिज्य कर विभाग अपने अधिकारियों की मनोदशा को लेकर चिंतित है। जीएसटी लागू होने के बाद विभागीय अधिकारी जबरदस्त दबाव में हैं। दबाव में अधिकारी गलत कदम न उठाएं, इसलिए कानपुर के कुछ अधिकारियों ने 'लव यू जिंदगी' नाम का प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों को जिंदगी सबसे पहले है, इसके बारे में बताया जाएगा। 

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ध्यान दें

  • क्या हम वास्तव में अपनी जिंदगी जी रहे हैं या इसे सिर्फ काट रहे हैं? 
  • हमारे लिए अपनी जिंदगी की क्या वैल्यू है?
  • प्राथमिकता सूची में हमारी जिंदगी हमारे लिए कहां है?

लक्ष्य को लेकर बढ़ता दबाव 

यूं तो हर जगह अधिकारी और कर्मचारी दबाव में थे लेकिन लक्ष्य को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। आफिस के घंटों में वृद्धि हो रही है। पिछले दिनों दो आइपीएस के आत्महत्या के मामलों को वाणिज्य कर विभाग के उपायुक्त प्रशासन चंद्रकांत रल्हन और सहायक आयुक्त कोमल छाबड़ा ने चेतावनी के रूप में लिया। इससे पहले कि उनके विभाग में कोई बड़ी घटना हो, उन्होंने एक प्रोजेक्ट तैयार किया। इसके जरिए अधिकारियों और कर्मचारियों को जीवन से प्यार करना सिखाया जाएगा। लव यू जिंदगी नाम के इस प्रोजेक्ट को सबसे पहले 25 सितंबर को वाणिज्य कर अधिकारियों और अगले दिन कर्मचारियों के बीच प्रस्तुत किया जाएगा। डेढ़ घंटे के इस कार्यक्रम में एक नाटक है। कुछ छोटी कहानियां हैं।

पूरे प्रदेश में लागू हो सकता प्रोजेक्ट

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन अशफाक अहमद ने इस प्रोजेक्ट के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। वाणिज्य कर विभाग इस प्रोजेक्ट को जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू कर सकता है। जीएसटी काउंसिल को भी इसकी जानकारी भेजी जाएगी ताकि दबाव के बीच इस तरह के बेहतर प्रयासों के बारे में बताया जा सके। वाणिज्य कर विभाग के उपायुक्त प्रशासन चंद्रकांत रल्हन ने बताया कि वाणिज्य कर आयुक्त को इस कार्यक्रम की जानकारी दी गई है। उन्होंने इस कार्यक्रम की क्लिपिंग मंगाई है। इसकी तैयारी हो रही है। 


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