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अजब गजब शौक : पक्षियों को इस घर में मिल रहा है अपनापन

काकादेव निवासी शैलेंद्र ¨सह के पास हैं रंगबिरंगे पक्षी, गौरैया, बजरी, फिंच व लव वर्ड से गुलजार है घर

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 01:39 AM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 10:20 AM (IST)
अजब गजब शौक : पक्षियों को इस घर में मिल रहा है अपनापन
अजब गजब शौक : पक्षियों को इस घर में मिल रहा है अपनापन

चारुतोष जायसवाल, कानपुर : भोर पहर में चिड़ियों का चहचहाना कितना खूबसूरत होता है। अगर कहीं ये आपके घर की बालकनी में बैठ जाएं या फिर वहां घरौंदा सजाएं तो उस सुखद अनुभूति को शब्दों में बयां करना मुश्किल होगा। छपेड़ा पुलिया काकादेव निवासी शैलेंद्र ¨सह बीते पांच साल से रोज इस अहसास से रूबरू हो रहे हैं। उन्होंने अपने घर में कई घरौंदे बनवाए हैं जिनमें तमाम देशी-विदेशी पक्षी रह रहे हैं।

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शेयर मार्केट एजेंट शैलेंद्र ने बताया कि पांच साल पहले गौरैया के गायब होने पर पक्षियों को बचाने की मुहिम ठानी। घर के आसपास पेड़ पौधे तो लगाए तो साथ ही घरौंदे भी बनवा दिए। धीरे धीरे गौरैया आने लगी तो उनके अंदर पक्षी प्रेम जागा। इसके बाद बजरी, ¨फच व लव बर्ड पक्षी खरीदें। इनकी देखरेख करते करते आज तमाम पक्षी हो गए। इनसे घर गुलजार रहता है। आसपास के लोगों के साथ ही जिसे भी जानकारी मिलती है वह इन पक्षियों को देखने पहुंचता है।

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काकून, बाजरा व हरी सब्जियां हैं भोजन

शैलेंद्र ¨सह ने बताया कि वह गांव से जुड़े हुए व्यक्ति है। गांव से काकून, बाजरा, मूंग व चना मंगा लेते हैं। हरी सब्जियां भी खरीदकर लाते हैं। सुबह और शाम सभी पक्षियों को भोजन देते है। पक्षी उन्हें व उनके छोटे बेटे को इतना पहचानते है कि हाथ में बैठकर दाना चुग लेते हैं। महीने का तीन से चार हजार रुपये पक्षियों के ऊपर खर्च आता है।

बड़े से कमरे में रहते हैं तमाम पक्षी

लाल, हरे, पीले व रंगबिरंगे पक्षियों के लिए एक बड़ा कमरा है। इसमें वह आराम से उड़ भी सकते हैं। गर्मियों में उनके लिए कूलर लगता है तो सर्दी के मौसम में कई बल्ब भी टांगे जाते हैं ताकि गर्माहट का अहसास होता रहे। ये इतने संवेदनशील होते हैं कि उचित तापमान न मिलने पर तीन दिनों के अंदर इनकी मौत भी हो सकती है। अब यह पक्षी उनके परिवार का अभिन्न हिस्सा बन चुके है। लोग उनसे पक्षी मांगकर भी ले जाते हैं लेकिन वे इस शर्त के साथ पक्षी देते है कि उनका ख्याल अच्छी तरह रखा जाएगा।


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