लाइन ट्रिप होते ही उद्योगों को लगती लाखों की चपत
कटौती होने से हीटर और ब्वॉयलर के इस्तेमाल वाली इकाइयों में होता सबसे ज्यादा नुकसान
जागरण संवाददाता, कानपुर : उद्योगों को सभी आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने के सरकार के वादे में बिजली बड़ी रोड़ा बन रही है। औद्योगिक नगरी में ही इकाइयों को निर्बाध बिजली नहीं मिल पा रही है। आए दिन होने वाली अघोषित बिजली कटौती या लाइन ट्रिप से सबसे ज्यादा नुकसान हीटर और ब्वॉयलर के इस्तेमाल वाली इकाइयों में होता है। कटौती का एक झटका भी लाखों का नुकसान दे रहा है।
132 केवी सबस्टेशन दादानगर का 40 एमवीए पावर ट्रांसफारमर शुक्रवार सुबह नौ बजे अचानक ट्रिप हो गया। इससे पॉलीमर और पनकी के उद्योगकुंज सब स्टेशन की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इस क्षेत्र में स्थापित लगभग तीन सौ औद्योगिक इकाइयों की बिजली जाने से कामकाज बंद हो गया। अन्य इकाइयों ने तो जेनरेटर चला कर काम शुरू कर दिया लेकिन प्लास्टिक, रबर, पेपर लेमिनेशन आदि से जुड़ी इकाइयों को तगड़ा झटका लगा। दरअसल, इन इकाइयों में सुबह की पाली में दो से ढाई घंटा हीटर और ब्यॉयलर को गर्म कर निश्चित तापमान तक ले जाना पड़ता है। जरा सी देर के लिए भी लाइन ट्रिप होते ही तापमान गिर जाता है और मशीन में फंसा कच्चा माल बर्बाद हो जाता है।
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जब अचानक बिजली गई
'हम प्रतिदिन सुबह सात बजे हीटर चालू कर देते हैं। दो घंटे में मशीन तापमान पर पहुंचती है, तब उसमें प्लास्टिक पिघलना शुरू होती है। फिर मशीन से प्लास्टिक दाना बनता है। शुक्रवार को भी माल मशीन में लगा था। नौ बजे हीट पूरी होने वाली थी कि अचानक बिजली गुल हो गई। पूरा कच्चा माल खराब हो गया। ऐसा अक्सर होता है।'
अमित टुटेजा, उद्यमी, दादानगर
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'हमारी फैक्ट्री में कागज से संबंधित काम होता है। कागज की लेमिनेशन पूरी प्रक्रिया का अहम हिस्सा है, जिसके लिए हीटर की जरूरत होती है। हीट से ही हमारी मशीन भी चलती है। सुबह छह बजे से हीटर चालू करते हैं। दो घंटे में वह गर्म होता है। अचानक बिजली जाने पर मशीन में लगी सौ किलो की रील खराब हो जाती है। शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ।'
अजय अरोड़ा, पनकी साइट-2
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हर दिन का हो गया है ढर्रा
'औद्योगिक क्षेत्रों के लिए बिजली कटौती बहुत बड़ी समस्या बन गई है। सिर्फ शुक्रवार की बात क्या करें, अब तो आए दिन की यही स्थिति हो गई है। प्लास्टिक और रबर फैक्ट्रियों को तो ज्यादा ही नुकसान हो जाता है। कई बार उद्योग बंधु की बैठकों में भी मुद्दा उठाया गया है।'
विजय कपूर, चेयरमैन कोपेस्टेट
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'अघोषित बिजली कटौती की शिकायत पहले केस्को से ज्यादा थी। वहां सुधार आने लगा। उन्हें कोई काम करना होता है तो सूचना दे देते हैं। मगर, अब ट्रांसमिशन की बेपरवाही परेशान कर रही है। बिना बताए शटडाउन लेते हैं। इनका नेटवर्क भी जर्जर हो चुका है, उसकी सही मरम्मत नहीं करते, जिससे आए दिन लाइन ट्रिप होती है।'
आलोक अग्रवाल, अध्यक्ष, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, कानपुर चैप्टर
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उत्पादन के समय तीन सौ फैक्ट्रियों की बिजली गुल
औद्योगिक क्षेत्रों के लिए केस्को ही नहीं, अब ट्रांसमिशन सब स्टेशन भी मुसीबत बन गए हैं। शुक्रवार को दादानगर ट्रांसमिशन सब स्टेशन का 40 एमवीए की उच्च क्षमता वाला पावर ट्रांसमिशन ब्रेकडाउन में चला गया। इसकी वजह से करीब तीन सौ फैक्ट्रियों की बिजली आपूर्ति दो घंटे के लिए ठप हो गई। बिजली ऐसे वक्त गुल हुई, जब फैक्ट्रियों में उत्पादन कार्य होता है। इस व्यवधान के कारण उद्यमियों ने लाखों रुपये का नुकसान होने की बात कही है।
दादानगर औद्योगिक क्षेत्र को बिजली आपूर्ति 132 केवीए दादानगर ट्रांसमिशन सब स्टेशन से होती है। जहां 40 एमवीए और 20 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर लगा है। शुक्रवार सुबह नौ बजे 40 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर ब्रेकडाउन में चला गया। इसके चलते केस्को के दादानगर वितरण खंड के 33केवी उद्योगकुंज और 33केवी पॉलीमर सब स्टेशन की बिजली कट हो गई। इन सब स्टेशन से लगभग तीन सौ फैक्ट्रियों को बिजली आपूर्ति होती है। दोबारा आपूर्ति शुरू करने में करीब दो घंटे लगे।
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बार-बार ट्रिप हो रहा ट्रांसमिशन सब स्टेशन
132 केवी दादानगर ट्रांसमिशन सब स्टेशन पिछले डेढ़ दो महीने में 12 से 15 बार ट्रिप हो चुका है। पावर ट्रांसमिशन का इस तरह ब्रेकडाउन में चले जाना उद्योग जगत के लिए अच्छे संकेत नहीं है। कोई मानने को भले तैयार नहीं है, मगर सच्चाई यही है कि केस्को और ट्रांसमिशन दोनों जर्जर तंत्र की नाकामी की सामना कर रहे हैं। हाल के दिनों में 220 केवी पनकी, 220 आरपीएच और 132 केवी आजाद नगर ट्रांसमिशन सब स्टेशन में भी ट्रिपिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है।
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केस्को और ट्रांसमिशन सब स्टेशन ने एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ा
घटना के लिए केस्को ने ट्रिपिंग के लिए ट्रांसमिशन को जिम्मेदार ठहराया है तो ट्रांसमिशन सब स्टेशन ने केस्को को। केस्को के प्रवक्ता सीबीएस चंद्रशेखर का कहना है कि 132 केवी दादानगर ट्रांसमिशन सब स्टेशन के पावर ट्रांसफार्मर में आई खराबी के चलते बिजली गुल हुई। इसमें केस्को कहीं से भी जिम्मेदार नहीं है। ट्रांसमिशन सब स्टेशन की ओर से कहा गया है कि 33केवी पॉलीमर सब स्टेशन में आई तकनीकी खामी की वजह से पावर ट्रांसफार्मर ब्रेकडाउन में चला गया।