कानपुर में जिंदगी तो हुई चार दीवारों में कैद पर अब सुकून से सांस ले पा रहा पर्यावरण
हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के सिविल इंजीनियङ्क्षरग विभाग के विभागाध्यक्ष व पर्यावरणविद् प्रो. प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदूषण घटना पर्यावरण के ²ष्टिकोण से सुखद है। आने वाले कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहता है तो प्रदूषण और घटेगा।
कानपुर, जेएनएन। प्रदूषण की मार से कराह रहे शहर के पर्यावरण को कोरोना कफ्र्यू में सेहत का वरदान मिला है। हवा की गुणवत्ता सुधरी तो बारिश ने उसमें चार-चांद लगा दिए हैं। पेड़-पौधों से धूल-गर्द की चादर हट गई है और हरियाली चमककर आंखों को सुकून दे रही है। शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) व पीएम-2.5 की मात्रा घटकर 43 माइक्रोग्राम प्रतिमीटर क्यूब पहुंच गई, जबकि महीने भर पहले यह 200 व उससे ऊपर दर्ज की जा रही थी।
हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष व पर्यावरणविद् प्रो. प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदूषण घटना पर्यावरण के दृष्टिकोण से सुखद है। आने वाले कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहता है तो प्रदूषण और घटेगा। इसके अलावा प्रदूषण के साथ तापमान में भी आने वाले 15 दिनों तक बहुत बढ़त नहीं होगी। प्रदूषण थमने पर अब प्रकृति खुद को सेहतमंद बना रही है जिसका असर लंबे समय तक रह सकता है। पीएम-2.5 की मात्रा घटकर इतनी कम हो गई है कि अब यह हानिकारक नहीं है। वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण बढ़ाने का मुख्य कारक होता है। इससे निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड व नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों से पर्यावरण बचा रहा। इसके अलावा चारों ओर से बंद किए बगैर होने वाले निर्माण कार्य भी पीएम-10 बढ़ाते हैं। कोरोना कफ्र्यू के कारण वह भी नहीं हुआ।
2021 में स्थिति
- 20 मई : 43
- 19 मई : 67
- 18 मई : 45
- 17 मई : 97
- 16 मई : 95
- 15 मई : 109
- 14 मई: 77
2020 में स्थिति:
- 20 मई: 135
- 19 मई: 66
- 18 मई: 140
- 17 मई: 127
- 16 मई: 84
- 15 मई: 145
- 14 मई: 80
2019 में स्थिति:
- 20 मई: 145
- 19 मई: 152
- 18 मई: 88
- 17 मई: 112
- 16 मई: 107
- 15 मई: 145
- 14 मई: 109
एयर क्वालिटी इंडेक्स की स्थिति माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब में