रद हो सकता है पीपुल्स कोआपरेटिव बैंक का लाइसेंस, रिजर्व बैंक ने सहायक निबंधक सहकारिता से मांगी आख्या
पीपुल्स बैंक प्रबंधन ने पिछले साल 12 मई को रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर खाताधारकों को जमा राशि लौटाने में असमर्थता जताई थी। कहा था कि उसके पास इतना धन नहीं है कि वह ग्राहकों को उनकी जमा राशि वापस कर सके
कानपुर(दिग्विजय सिंह)। आर्यनगर स्थित पीपुल्स कोआपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने ये बैंक आगे कैसे चलेगी, कोई निवेशक इसके लिए मिल सकता है या नहीं आदि के संबंध में जानकारियां मांगी है। चूंकि बैंक की साख गिर गई है और इसे चलाने के लिए कोई निवेशक आगे नहीं आ रहा, ऐसे में जल्द ही सहायक निबंधक सहकारिता अपनी रिपोर्ट रिजर्व बैंक को भेज देंगे। अगर निवेशक नहीं मिला तो बैंक का लाइसेंस रद हो जाएगा। रही बात बैंक के खाता धारकों के धन की वापसी और बकाएदारों से वसूली की तो यह कार्य सहकारिता विभाग कराएगा।
पांच लाख रुपये तक की जमा राशि का भुगतान हर हाल में होगा। पीपुल्स बैंक प्रबंधन ने पिछले साल 12 मई को रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर खाताधारकों को जमा राशि लौटाने में असमर्थता जताई थी। कहा था कि उसके पास इतना धन नहीं है कि वह ग्राहकों को उनकी जमा राशि वापस कर सके। रिजर्व बैंक ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सहायक निबंधक सहकारिता को दी। जांच हुई तो बड़ा गड़बड़झाला सामने आया। जांच में पता चला कि बैंक की ओर से अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन कर लोगों को ऋण बांटे गए। शहरी सीमा में रहने वाले लोगों के अतिरिक्त किसी को भी बैंक ऋण नहीं दे सकता था, लेकिन कानपुर देहात, बिल्हौर आदि क्षेत्रों के लोगों को भी ऋण दिया गया और यह राशि अब वापस नहीं आ पा रही है, क्योंकि तमाम लोगों के तो पते ही नहीं मिल रहे हैं।
इतना ही नहीं बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) को भी लोन के रूप में बांट दिया गया था। अब ऋण की राशि वापस न आने से बैंक की स्थिति खराब हो गई और वह ग्राहकों को उनका पैसा वापस नहीं कर पा रहा है। करीब दस करोड़ रुपये ग्राहकों के बैंक में जमा हैं।
इस रिपोर्ट के बाद ही रिजर्व बैंक ने बैंक के लेनदेन पर रोक लगा दी और कहा कि बैंक सिर्फ वसूली करेगा। किसी भी ग्राहक का कोई पैसा जमा नहीं होगा। ऋण वसूली से ही बैंक को अपना एनपीए दुरुस्त करना है, लेकिन ये कार्य नहीं हो पा रहा है। ऐसे में बैंक को चलाने के लिए किसी बड़े निवेशक की तलाश है जो मिल नहीं रहा है। सहायक निबंधक सहकारिता अंसल कुमार ने कई संस्थाओं से संपर्क भी साधा, लेकिन कोई निवेश को तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में अब वह अपनी रिपोर्ट देंगे और निवेशक के अभाव में ही इस बैंक का लाइसेंस रद हो जाएगा।
इनका ये है कहना
- किसी भी खाताधारक की जमा राशि नहीं डूबेगी। पांच लाख रुपये तक की जमा राशि को हर हाल में वापस किया जाएगा। रिजर्व बैंक को जल्द ही आख्या भेज दूंगा। फिलहाल ऋण की वसूली की प्रक्रिया चल रही है। अंसल कुमार, सहायक निबंधक सहकारिता