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कानपुर में फिर तेंदुआ की चहलकदमी, अब जीएसवीएम परिसर में पंजे के निशान मिलने से हड़कंप, प्राचार्य ने किया सतर्क

जीएसवीएम मेडिकल कालेज परिसर में तेंदुआ के पंजे के निशान देखे गए हैं। प्राचार्य ने नोटिस जारी कर परिसर में रहने वाले सभी अधिकारियों कर्मचारियों व छात्रों को सतर्क रहने को कहा है साथ ही परिसर में रहने वालों को बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने रोक लगा दी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 10:03 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 10:03 PM (IST)
कानपुर में फिर तेंदुआ की चहलकदमी, अब जीएसवीएम परिसर में पंजे के निशान मिलने से हड़कंप, प्राचार्य ने किया सतर्क
जीएसवीएम मेडिकल कालेज परिसर में पसरा सन्नाटा ।

कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर में तेंदुआ का खौफ कम नहीं हो रहा है। अब जीएसवीएम मेडिकल कालेज परिसर में तेंदुआ के पंजे के निशान देखे गए हैं। परिसर में तेंदुआ की मौजूदगी की आशंका से हड़कंप मच गया है। कालेज प्रशासन ने नोटिस जारी कर कालेज परिसर में रहने वाले सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं को सतर्क रहने को कहा गया है। रात के समय परिसर में बेवजह घूमने फिरने पर भी रोक लगा दी है।

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जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एल ब्लाक में अधिकारियों के आवास हैं। एल ब्लाक में डा. दिप्ती के घर और उनके समेत आसपास जानवर के बड़े-बड़े पंजों के निशान मिले हैं। उन्होंने जंगली जानवर तेंदुआ के पंजे की आशंका जताते हुए प्राचार्य प्रो. संजय काला और मेडिकल कालेज परिसर के प्रभारी डा. आनंद नारायण सिंह को अवगत कराया। पहले आकर उन्होंने खुद जांच-पड़ताल की। इसी ब्लाक में प्राचार्य प्रो. संजय काला, प्राक्टर प्रो. यशवंत राव समेत वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षकों के भी आवास है। बड़े पंजे से खतरे की आशंका जताते हुए तत्काल वन विभाग को अवगत कराया गया। तेंदुआ की मौजूदगी की आशंका पर मंगलवार दोपहर में वन विभाग की टीम ने आकर जांच पड़ताल की। टीम के कुछ सदस्य जहां तेंदुआ का पंजा होने की संभावना जताते रहे, जबकि कुछ उससे असहमति जताते रहे। उनका तर्क था कि यह औसत से बड़े कुत्ते के पंजे के निशान हैं। फारेस्ट रेंजर लल्लू सिंह ने सभी उपस्थित जनों से कहा, कि किसी तरह की अफवाह न फैलाएं। डीएफओ अरविंद यादव ने कहा कि जो पदचिन्ह हैं, वह तेंदुआ के नहीं हैं। 

चार-पांच इंच लम्बे पंजे: कालेज प्रशासन का तर्क है कि परिसर में औसत से बड़े कुत्ते नहीं हैं। एल ब्लाक के पीछे अलग-अलग कैंपस है। उनके बीच बाउंड्रीवाल भी है। ऐसे में कुत्ते फांद कर नहीं जा सकते। रात में उस तरफ़ कुत्ते के जाने का सवाल ही नहीं उठता है। कुत्तों की समान चाल होती है, जबकि तेंदुआ तेजी से कूदते हुए चलता है। वह छोटी बाड़ आसानी से फांद जाता है।

लाइब्रेरी बंद, आठ बजे से पसरा सन्नाटा: जीएसवीएम मेडिकल कालेज कैंपस में तेंदुआ की आशंका के चलते रात करीब आठ बजे ही चिकित्सकों के आवास के आसपास सन्नाटा पसर गया। कालेज की लाइब्रेरी को भी बंद करा दिया गया। कैंपस में जो जूनियर डाक्टर टहल रहे थे, सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें टहलने से मना कर दिया। बोले, अपने छात्रावास या आवास में ही रहें। कैंपस में जगह-जगह तेंदुआ की ही चर्चा हो रही थी। सुरक्षाकर्मियों को एक फोटो भी वाट्सएप पर मिली। जिसमें एक चिकित्सक के आवास पर मंगलवार की सुबह तीन बजकर 10 मिनट पर तेंदुआ की दिखने वाला वन्यजीव गेट पर खड़ा है। इस फोटो के फुटेज सीसीटीवी में भी मिले हैं। 

बोले जिम्मेदार: एल ब्लाक के पीछे की तरफ दो तीन आवास के गार्डेन में बड़े-बड़े पंजों के निशान मिले हैं। तेंदुआ की आशंका जताते हुए वन विभाग को अवगत कराया है। वन विभाग की टीम भी असमंजस में है, दो सदस्य पुष्टि कर रहे हैं, जबकि एक असहमत है। ऐसे में परिसर प्रभारी को डीएफओ से पुष्टि कराने के निर्देश दिए हैं। एहतियात परिसर में अतिरिक्त लाइटिंग की व्यवस्था कराई है शाम के बाद घरों से बाहर निकलने के लिए मना कर दिया है। - प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज। 


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