जिसे मान रहे थे तेंदुआ के पैरों के निशान वो निकले कुत्ते के, जीएसवीएम के प्राचार्य ने कहा- अफवाह न फैलाएं
वन विभाग के अफसरों और मेडिकल कालेज प्राचार्य ने अधीनस्थों के साथ जीएसवीएम में निरीक्षण किया फारेस्ट रेंजर लल्लू सिंह ने प्राचार्य को बताया कि पदचिन्ह तेंदुआ के न होकर कुत्ते के हैं। कालेज प्राचार्य ने कहा कि अफवाह न फैलाएं लेकिन सभी सुरक्षित जरूर रहें।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में मंगलवार को तेंदुआ के पदचिन्ह मिलने की आशंका जताते हुए कालेज प्राचार्य ने सभी को एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए थे। वहीं, तेंदुआ की आहट की जानकारी मिलने से कैंपस में सनसनी भी मच गई थी। शाम को छात्रावास व लाइब्रेरी के गेट बंद कर दिए गए थे।
बुधवार सुबह कैंपस पहुंची वन विभाग के अफसरों की टीम ने कालेज प्राचार्य प्रो. संजय काला व अन्य अधीनस्थों संग उन स्थानों का निरीक्षण किया, जहां-जहां तेंदुआ जैसे किसी वन्यजीव के पदचिन्ह मिले थे। फारेस्ट रेंजर लल्लू सिंह ने प्राचार्य को बताया कि पदचिन्ह तेंदुआ के न होकर, कुत्ते के हैं। जब विभागीय अफसरों ने इस बात की पुष्टि कर दी तब प्राचार्य ने अपनी ओर से सभी अधीनस्थों को पत्र जारी कर कहा कि अफवाह न फैलाएं और सतर्कता के साथ अपनी सुरक्षा करें।
रोजाना की अपेक्षा कैंपस में चहल पहल कम, शाम को फिर सन्नाटा: जीएसवीएम मेडिकल कालेज में जो पदचिन्ह देखे गए, उसे लेकर पहले तेंदुआ की संभावना जताई जा रही थी। इस वजह से बुधवार को भी कैंपस में रोजाना की अपेक्षा चहल-पहल कम रही। वहीं, शाम होते ही चिकित्सकों के आवास के आसपास सन्नाटा पसर गया। कैंपस में उपस्थित सुरक्षाकर्मियों ने सभी चिकित्सकों से कहा, कि वह सावधानी बरतें।