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कानपुर वकील हत्याकांड : फर्जी जाति प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने के मामले में हुए थे चर्चित, रहा है विवादों से नाता

आइआइटी के पूर्व रजिस्ट्रार व अधिवक्ता राजराम वर्मा का विादों से पुराना नाता रहा है। राजाराम वर्मा की रिटायरमेंट के बाद पेंशन रुक गई थी जब कि राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में कार्यरत बेटा भी बर्खास्त हो चुका था। हाउसिंग सोसायटी से भी जुड़े भी कई विववाद चल रहे थे।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 09:35 AM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 02:18 PM (IST)
कानपुर वकील हत्याकांड : फर्जी जाति प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने के मामले में हुए थे चर्चित, रहा है विवादों से नाता
अधिवक्ता राजाराम वर्मा के साथ विवादों का पुराना नाता रहा। File Photo.

कानपुर, जागरण संवाददाता। आइआइटी के पूर्व रजिस्ट्रार व अधिवक्ता राजाराम वर्मा के साथ विवादों का पुराना नाता रहा है। वह कई साल पहले फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने का विवाद सामने आने के बाद खासे चर्चित हुए थे और बहू के साथ चला विवाद भी खूब चर्चाओं में रहा। यही नहीं लगभग 40 सालों से जमीन संबंधी विवाद उनके साथ चले आ रहे थे। 

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पूर्व में नवाबगंज थाने में तैनात रहे दारोगा प्रभाकांत ने बताया कि राजाराम वर्मा ने गंगा हाउसिंग सोसाइटी बना रखी थी। एक बुजुर्ग ने काफी समय पहले उनकी सोसाइटी में प्लाट खरीदा था। बुजुर्ग के देहांत के बाद उनकी बेटी गीता ने प्लाट पाने के लिए प्रयास शुरू किए। आरोप है कि पहले तो राजाराम वर्मा दूसरी जगह प्लाट देने की बात कहकर टालते रहे, लेकिन चक्कर काटने के बाद भी जब प्लाट नहीं मिला तो पीड़िता ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई थी। जिलाधिकारी के आदेश पर नवाबगंज पुलिस ने राजाराम के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी जिसकी जांच वह कर रहे थे। एसआइ प्रभाकांत ने बताया कि छानबीन में कई लोगों के साथ धोखाधड़ी करने की बात सामने आई थी। 31 मई 2015 को उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। इसी दौरान यह भी सामने आया कि उन्होंने उन्नाव के एक कांग्रेसी विधायक से पत्र लिखवाकर खुद को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया था, जबकि वह जाति से मल्लाह थे। इसकी मदद से उन्होंने आइआइटी पदोन्नति पाई थी। वहीं राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में बेटे की नौकरी भी लगवाई और उसे भी पदोन्नति दिलाई थी। यह मामला प्रकाश में आने के बाद दारोगा ने राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में अपनी रिपोर्ट भेजी थी। जिस पर उनके बेटे को बर्खास्त कर दिया गया था। नौकरी से हटाए जाने के बाद बेटे की बीमारी से मौत हो गई थी।

बहू संग दुष्कर्म के प्रयास के आरोपों में गये थे जेल

पुलिस सूत्रों ने बताया कि बर्खास्त हुए बेटे की बैंक मैनेजर पत्नी ने राजाराम पर दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाकर नवाबगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बेटे की मृत्यु के बाद राजाराम पर अपनी बहू को घर से बाहर करने का आरोप भी लगा था। नौकरी प्रकरण में जेल से छूटने के दो साल बाद नवाबगंज पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार बहू की तहरीर पर  जेल भेजा था। 


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