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कन्नौज: उम्रकैद की सजा काट रहे अपराधियों को गैंगस्टर में भी सजा, दिनदहाड़े वकील को उतारा था मौत के घाट

अभियोजन अधिकारी ने बताया कि तीनों अपराधी शातिर किस्म के हैं। रमेश तेली अजमेर उर्फ कल्लू व नरेंद्र उर्फ गुड्डू ने एक जून 2004 को दीवानी न्यायालय के गेट पर अधिवक्ता अचल सिंह की दिन के 12 बजे गोली मारकर हत्या कर दी थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 06:59 PM (IST)
कन्नौज: उम्रकैद की सजा काट रहे अपराधियों को गैंगस्टर में भी सजा, दिनदहाड़े वकील को उतारा था मौत के घाट
कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कन्नौज, जेएनएन। वकील की हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे तीन अपराधियों को गैंगस्टर एक्ट में भी चार-चार साल की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) ने फैसला सुनाते हुए पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। यदि जुर्माना अदा नहीं किया तो तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। गुरुवार को अभियोजन अधिकारी रवींद्र पचौरी ने बताया कि विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) शिवकुमार तिवारी ने जनपद हरदोई के थाना बिलग्राम के ग्राम मलकंड निवासी रमेश तेली पुत्र शंभू, ग्राम जलालपुर थाना बिलग्राम जनपद हरदोई निवासी अजमेर उर्फ कल्लू पुत्र रामशंकर यादव तथा ग्राम ककराखेड़ा थाना बिलग्राम जनपद हरदोई निवासी नरेंद्र उर्फ गुड्डू पुत्र कप्तान सिंह को उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (गैंगस्टर एक्ट) के अंतर्गत सजा सुनाई है। तीनों अपराधी इस समय जेल में बंद हैं, इसलिए इस सजा को उसी में समायोजित किया जाएगा। 

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दस साल से जेल में बंद हैं तीनों अपराधी: अभियोजन अधिकारी ने बताया कि तीनों अपराधी शातिर किस्म के हैं। रमेश तेली, अजमेर उर्फ कल्लू व नरेंद्र उर्फ गुड्डू ने एक जून 2004 को दीवानी न्यायालय के गेट पर अधिवक्ता अचल सिंह की दिन के 12 बजे गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में कोर्ट ने 22 फरवरी 2011 को तीनाें काे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से तीनों अपराधी जेल में बंद हैं। इसी दौरान चार जुलाई 2004 को सदर कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह परिहार ने गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें तत्कालीन वरिष्ठ उपनिरीक्षक आरबी सिंह ने विवेचना की थी। विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर इस मामले भी तीनों को चार-चार वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।


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