कानपुर में लोगों की सेवा जुटे वकील संगठन, ज्ञापन सौंपने के बाद से आलोचनाओं का करना पड़ रहा सामना
कोविड संक्रमण से पीड़ित वकीलों के लिए अब शासन प्रशासन से वैक्सीनेशन आर्थिक मदद मृतक के परिवार को क्षतिपूर्ति इलाज में प्राथमिकता जैसी कई मांगें शुरू हो गई हैं। इसके लिए दोनों संस्था बार एसोसिएशन और लॉयर्स एसोसिएशन के साथ ही अन्य संगठनों के लोग भी आगे आ रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। कोविड संक्रमण को देखते हुए हर कोई अपने-अपने तरीके से लोगों की मदद में जुटा है। महामारी के ऐसे विकट समय में वकील भी लोगों की सेवा में अनवरत लगे हुए हैं। वकीलों के कई संगठन आर्थिक स्थिति का हवाला देकर शासन, प्रशासन और यूपी बार काउंसिल से मदद मांगने में जुटे हैं। यहां तक तो सब ठीक है लेकिन जब डिमांड में बड़ा अंतर आ जाए तो जाहिर है आलोचना का शिकार भी होना पड़ेगा। वकीलों के बीच आजकल ऐसा ही कुछ हो रहा है। अपनी ढपली अपना राग वाली स्थिति पैदा होने से हमदर्द बने वकील आलोचना भी बर्दाश्त कर रहे हैं।
दरअसल कोविड संक्रमण से पीड़ित वकीलों के लिए अब शासन, प्रशासन से वैक्सीनेशन, आर्थिक मदद, मृतक के परिवार को क्षतिपूर्ति, इलाज में प्राथमिकता जैसी कई मांगें शुरू हो गई हैं। इसके लिए दोनों संस्था बार एसोसिएशन और लॉयर्स एसोसिएशन के साथ ही अन्य संगठनों के लोग भी आगे आ रहे हैं। मुख्यमंत्री से वकीलों के लिए क्षतिपूर्ति, आर्थिक मदद मांगने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। एक संस्था ने मुख्यमंत्री से मृतक को दस लाख रुपये और दस हजार आर्थिक मदद की मांग करते हुए एसीएम को ज्ञापन सौंपा तो दूसरे संगठन ने मृतक वकीलों के लिए दो लाख रुपये और अर्थिक मदद 20 हजार रुपये की मांग की। वकीलों की सबसे बड़ी संस्था ने मृतकों के लिए 20 लाख रुपये क्षतिपूर्ति और इलाज के लिए पांच-पांच लाख रुपये की मांग की है। ऐसे में शासन से एक ही विषय और वर्ग के लिए की जा रही अलग-अलग मांग हमदर्द वकीलों को अपनों के बीच में ही आलोचना का विषय बना रही हैं।