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लाल को अंतिम विदाई देने उमड़ी इत्र नगरी

शहीद बीएसएफ के जवान वीरपाल की पार्थिव देह जैसे ही गांव पहुंची तो गांव भारत माता की जय और वीरपाल अमर रहें की आवाज से गूंज उठा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 02:22 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 02:22 PM (IST)
लाल को अंतिम विदाई देने उमड़ी इत्र नगरी
लाल को अंतिम विदाई देने उमड़ी इत्र नगरी

कन्नौज: तिरंगे में लिपटा हुआ शहीद बीएसएफ के जवान की पार्थिव देह जैसे ही गांव पहुंची तो गांव भारत माता की जय और वीरपाल अमर रहें की आवाज से गूंज उठा। लोगों ने नम आंखों से लाल को निहारा, उन्हें नमन किया। 

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जम्मू-कश्मीर के सुंदरबनी में पेट्रोलिंग के दौरान पहाड़ से गिरकर सौरिख के भग्गीपुर्वा गांव के 55 वर्षीय बीएसएफ जवान वीरपाल सिंह शहीद हो गए। उनका पार्थिव देह आधी रात को गांव पहुंचा। कन्नौज के लाल की वीरता से गांव में अंधेरे ने भी सिर झुका लिया। पार्थिव देह को देखने के लिए ग्रामीण रातभर डटे रहे। शुक्रवार सुबह 6 बजे जैसे ही 

बीएसएफ जवानों की टोली गांव पहुंची, लोग भारत माता की जय और वीरपाल अमर रहें के नारे लगाने लगे। तिरंगे में लिपटा लाल का पार्थिव शरीर जैसे ही जमीन पर रखा गया तो लोगों की आंखों से अश्रुधारा फूट पड़ी।  लोगों के जज्बात आंखों से बहने लगे। देश के दुश्मनों के लिये गुस्से के अंगार निकलने लगे। वंदे मातरम, जय हिंद व भारत माता की जय के नारे गूंज उठे। महिला से लेकर पुरुष व बुजुर्गों के आंसू थम नहीं सके। हर ग्रामीण के दिल में देश सेवा के लिए चिंगारी सुलगने लगी। गांव में सत्ताधारी व विपक्षी दल एक लाइन में खड़े होकर वीरपाल की वीरता की गाथा को स्वजनों के रोती जुबां से सुनते रहे। 

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वीरपाल की वीरता बेटा-बेटी का सलाम 

शहीद के परिवार में वीरांगना राममूर्ति, बेटा 25 वर्षीय विकास, बेटी 22 वर्षीय पारूल, 15 वर्षीय दुर्गा व विवाहित बेटी पूनम से एक साथ पिता को रोती आंखों से सलामी दी। बेटी के आंसुओं में पिता के खोने का दर्द, बेटे की चीख में देशप्रेम की भावना रही। दोनों ने देश की सेवा के लिए सेना में जाने के लिए हसरत दिखाई। मां के लिए सहारा बनने की जज्बात दिखाए हैं। 

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सपने को साकार करने सेना में होंगे भर्ती 

बेटा विकास ने बताया कि सेना के लिए पिता के बताए हुए रास्तों पर तैयारी कर रहे थे। कई बार ठिठोली करते हुए पिता से सेना में जाने से मना कर दिया तो उन्होंने डांट लगा दी। अब पिता के सपने को साकार करने के लिए सेना में जाकर देश की सेवा करुंगा। 

...एक बार गले लगा लो पापा

बेटी दुर्गा ने पिता के पार्थिव देह के आगे चिल्लाते हुए कहा कि पापा आपने मेरी हर जिद पूरी की। दिवाली पर मेरे के लिए कपड़े, आतिशबाजी व मिठाई लाने का वादा किया था। आपने अपने फर्ज निभाया और मेरा वादा तोड़ दिया। एक बार आंखें खोल कर अपने गले से लगा लो पापा। 

व्हीलचेयर पर बैठ शहादत पर पहुंचे पूर्व मंत्री 

सपा सरकार के पूर्व माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल करीब दो वर्ष से बीमार चल रहे। व्हीलचेयर पर बैठकर पार्थिव देह को देखने पहुंचे। पुष्पांजलि की और सलामी देकर उनकी वीरता के गुणगान किए।


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