कानपुर: चुनाव बाद ही शुरू हो सकेगा रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण, जानिए किस वजह से फंसा काम
रिंग रोड 93 किमी लंबी बननी है लेकिन पहले चरण में यह मंधना से सचेंडी तक ही बनेगी। इसकी लंबाई 22 किमी होगी। इसके लिए 78 गांवों की भूमि का अधिग्रहण होना है। इसमें 20 गांव कानपुर देहात के हैं जबकि शेष गांव कानपुर नगर के हैं।

कानपुर, जागरण संवाददाता। मंधना से सचेंडी के बीच प्रस्तावित रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अब चुनाव बाद ही शुरू हो पाएगी। रिंग रोड के अलाइनमेंट को अभी तक मंजूरी न मिल पाने की वजह से भूमि के गाटावार अधिग्रहण की अधिसूचना जारी नहीं हो पा रही है। फिलहाल माह के अंत तक मंजूरी मिलने के आसार भी नहीं हैं। जनवरी के पहले हफ्ते में ही विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होनी होनी है। अगर चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले अधिसूचना का प्रकाशन हो गया तो ठीक अन्यथा चुनाव खत्म होने तक प्रोजेक्ट लटक जाएगा।
वैसे तो रिंग रोड 93 किमी लंबी बननी है, लेकिन पहले चरण में यह मंधना से सचेंडी तक ही बनेगी। इसकी लंबाई 22 किमी होगी। इसके लिए 78 गांवों की भूमि का अधिग्रहण होना है। इसमें 20 गांव कानपुर देहात के हैं जबकि शेष गांव कानपुर नगर के हैं। इन गांवों में प्रस्तावित अलाइनमेंट को ध्यान में रखते हुए भू उपयोग परिवर्तन और निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। यह रोक एनएचएआइ के परियोजना निदेशक पंकज मिश्रा की संस्तुति पर लगाई गई है। मंधना के पास जहां से जीटी रोड को यह रिंग रोड क्रास करेगी वहां जीटी रोड पर फ्लाईओवर बन रहा है। इस वजह से भविष्य में रिंग रोड के लिए फ्लाईओवर बनाने में दिक्कत आएगी।
ऐसे में फ्लाईओवर रामनगर की तरफ जहां खत्म हो रहा है वहां से रिंग रोड को जीटी रोड क्रास कराने के लिए अलाइनमेंट में संशोधन किया गया है, लेकिन नए संशोधित अलाइनमेंट को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की समिति से मंजूरी नहीं मिली है। मंजूरी मिल गई होती तो इसका प्रधानमंत्री के हाथों शिलान्यास कराया जाता और अधिसूचना जारी कर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाती, लेकिन फिलहाल अधिसूचना जारी होने में देर लगेगी। ऐसे में चुनाव बाद ही भूमि अधिग्रहण का कार्य हो सकेगा।
Edited By Abhishek Verma