कानपुर सांसद ने लोकसभा में उठाया लाल इमली श्रमिकों के वेतन का मुद्दा, बोले- दयनीय दशा से गुजर रहे परिवार
Loksabha Session 2021 सांसद सत्यदेव पचौरी ने शून्यकाल में उठाया मसला। दो दिन से प्रश्न लगाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण देर से आ पाया नंबर। आंदोलन के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति कई बार गंभीर हो जाती है।
कानपुर, जेएनएन। ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन (बीआइसी) के तहत आने वाली लाल इमली में कार्यरत श्रमिकों के वेतन का मामला गुरुवार को लोकसभा में गूंजा। सांसद सत्यदेव पचौरी ने शून्यकाल में यह मसला उठाया। उन्होंने कहा कि दो वर्षों से वेतन न मिलने के कारण श्रमिकों की दशा दयनीय होती जा रही है। यहां तक कि सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को भी उनके लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। श्रमिक व उनके परिजन वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं। आंदोलन के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति कई बार गंभीर हो जाती है। यह भी चिंता का विषय है। ऐसा न हो इसलिए उनके वेतन का भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए।
बोले कानपुर के सांसद
लोकसभा में सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में ब्रिटिश काल से बीआइसी स्थापित है। मिल से सैकड़ों श्रमिकों की रोजी रोटी चलती थी लेकिन 2013 से यह बंद पड़ी हुई है। इसके बंद होने के बाद लाल इमली मिल में काम करने वाले श्रमिक सड़क पर आ गए हैं और बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं। इस कपड़ा मिल को आधिकारिक रूप से बंद न किये जाने के कारण वह अधर में लटके हुए हैं। उनकी स्थिति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन श्रमिकों को अंतरिम सहायता प्रदान करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने कहा कि कपड़ा मंत्री से अनुरोध है कि इस बंद पड़ी कपड़ा मिल को अधिकारिक रूप से बंद करने व श्रमिकों के बकाया वेतन व अन्य भुगतान के संबंध में जल्द व तर्कसंगत निर्णय लें जिससे वह अपने परिवार का भली प्रकार से अपना जीवन यापन कर सकें। उन्होंने बताया कि दो दिन से प्रश्न लगाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण देर से नंबर आ पाया। वह इस मसले को 2019 में भी लोकसभा में उठा चुके हैं।