शिक्षिका ने पहले सुसाइड नोट में लिखी बदनसीबी की दास्तां, फिर खा लिया जहर
मौके पर ही हो गई मौत, पति की मौत के बाद से डिप्रेशन में थीं,हाथ में लिखे मोबाइल नंबर से राहगीर ने दी घटना की जानकारी।
जागरण संवाददाता, कानपुर : बदनसीबी ने बचपन से साथ निभाया है। पैदा होते ही मां चली गई। जिंदगी की खुशी पाने के लिए समाज से लड़कर जिसका हाथ थामा, वह भी आधे रास्ते में साथ छोड़कर चला गया। ईश्वर को शायद मेरी खुशी मंजूर नहीं थी। जिसके साथ जिदंगी बिताना चाहती थी, जब वह ही नहीं रहा तो मैं जीकर क्या करूंगी..। सुसाइड नोट में बदनसीबी की ये दास्तां लिखकर मंगलवार शाम जेके कैंसर अस्पताल के पीछे कच्ची बस्ती निवासी शिक्षिका मोनिका देवी ने जहर खा लिया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। एक राहगीर ने उनके हाथ पर लिखे नंबर पर फोन कर परिजनों को सूचना दी।
मोनिका (28) कन्नौज के एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती थीं। उन्होंने दो साल पहले जीएसवीएम कैंपस टाइप वन के पास स्थित कच्ची बस्ती निवासी ड्राइवर संतोष कुमार से प्रेम विवाह किया था। अगस्त में संतोष की बीमारी के कारण मौत हो गई थी, तब से वह कन्नौज में रह रही थीं। देवर महेश ने बताया कि पति की मौत के बाद से मोनिका डिप्रेशन में थीं। रविवार को आई और मंगलवार दोपहर कन्नौज जाने की बात कहकर निकलीं। देर शाम राहगीर ने सूचना दी। जब बस्ती के लोग मौके पर पहुंचे तो देखा कि पास ही कुछ गोलियां पड़ी थीं। उनकी मौत हो चुकी थी। जहर खाने की आशंका पर पुलिस को फोन किया। पुलिस ने मोनिका की हथेली में दबा सुसाइड नोट निकाला। इंस्पेक्टर वीर सिंह ने बताया कि फोरेंसिक टीम बुलाकर जांच कराई गई है। सुसाइड नोट से प्रतीत हो रहा है कि महिला पति की मौत के बाद से तनाव में थी, तभी यह कदम उठाया।