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श्रम अधिकारी पास कर सकेंगे 50 हजार से अधिक की योजनाओं के लिए सहायता राशि

श्रम विभाग मजदूरों को त्वरित लाभ देने के उद्देश्य से अपने एक नियम में बदलाव करने जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 01:27 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 10:28 AM (IST)
श्रम अधिकारी पास कर सकेंगे 50 हजार से अधिक की योजनाओं के लिए सहायता राशि
श्रम अधिकारी पास कर सकेंगे 50 हजार से अधिक की योजनाओं के लिए सहायता राशि

जागरण संवाददाता, कानपुर : श्रम विभाग मजदूरों को त्वरित लाभ देने के उद्देश्य से अपने एक नियम में बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत आने वाले समय में श्रम अधिकारी पचास हजार रुपये से अधिक सहायता राशि की फाइलें भी पास कर सकेंगे। यह जानकारी शुक्रवार को भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के चेयरमैन रघुराज प्रताप सिंह ने दी।

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उन्होंने बताया कि अभी तक स्थानीय स्तर पर डिप्टी लेबर कमिश्नर केवल 50 हजार रुपये तक की योजनाओं का लाभ मजदूरों को दे सकता है। जिन योजनाओं में 50 हजार रुपये से अधिक का लाभ मजदूरों को मिलता है, वह फाइलें जिलाधिकारी को भेजी जाती हैं। डीएम कार्यालय में कई बार देरी हो जाती है, जिससे मजदूर को समय पर योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। चेयरमैन ने बताया कि सितंबर के आखिर या अक्टूबर में बोर्ड की बैठक होनी है, जिसमें डिप्टी लेबर कमिश्नर की इस लिमिट को 50 हजार रुपये से बढ़ाए जाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। लिमिट कितनी होगी, इसका निर्धारण बोर्ड बैठक के बाद ही होगा। चेयरमैन ने बताया कि आम धारणा है कि श्रम विभाग केवल पहली बच्ची होने पर ही सहायता राशि देता है, जबकि विभाग पंजीकृत श्रमिक को दो बच्चों तक सहायता राशि प्रदान करता है। बेटी होने पर 25 हजार रुपये और बेटा होने पर 15 हजार रुपये सावधि जमा के रुप में दी जाएगी। 18 वर्ष के उपरांत यह राशि मिल सकेगी।

सेस के खजाने में चार हजार करोड़ रुपये

सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के चेयरमैन रघुराज प्रताप सिंह ने बताया कि लेबर सेस की वसूली में और तेजी लाई जाएगी, ताकि मजदूरों के कल्याण की योजनाओं को और प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। उन्होंने बताया कि विभाग के पास सेस का चार हजार करोड़ रुपये जमा है।


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