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कानपुर मेट्रो के लिए कुमार केशव ने कही ये बात, बोले-किसी वित्तीय संस्था से लेना पड़ सकता है कर्ज

यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने साक्षात्कार में बताया है कि कोरोना के कारण लक्ष्य से पीछे हो गए। मेट्रो को समय पर पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। नवंबर 2021 में ट्रायल रन और जनवरी 2022 में मेट्रो ट्रेन चलाने की योजना है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 07:35 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 07:35 AM (IST)
कानपुर मेट्रो के लिए कुमार केशव ने कही ये बात, बोले-किसी वित्तीय संस्था से लेना पड़ सकता है कर्ज
कानपुर में मेट्रो का काम तेजी से हो रहा है।

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। लखनऊ में लक्ष्य से 36 दिन पहले काम खत्म करके बिना मेट्रो चलाए ही 18 करोड़ रुपये का लाभ कमाने वाले यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन का काम कोरोना की वजह से कानपुर में अपने समय से पीछे चल रहा है। आइआइटी से मोतीझील के बीच पहले कॉरीडोर में मेट्रो ने ट्रायल के लिए 31 जुलाई 2021 और यात्रियों के लिए मेट्रो चलाने के लिए 30 नवंबर 2021 की तारीख तय की थी, लेकिन अब नई स्थितियों में ट्रायल रन नवंबर 2021 और यात्रियों के लिए मेट्रो जनवरी 2022 में चलाने का लक्ष्य बनाया गया है। लेट होती मेट्रो को सही समय पर पटरी पर लाने के लिए कवायद तेज है। पेश हैं यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव से हुई जागरण संवाददाता की लंबी बातचीत के प्रमुख अंश।

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  • प्रश्न : आजकल बहुत सारी कंपनियां बांड लेकर शेयर बाजार में आ रही हैं, क्या मेट्रो भी बांड लाएगी।

    उत्तर : नहीं, ऐसा नहीं है। कानपुर मेट्रो के लिए यूरोपियन बैंक से 5,551.99 करोड़ रुपये का वित्तीय अनुबंध हुआ है।

  • प्रश्न : कोरोना का मेट्रो के काम पर कितना असर हुआ है।

    उत्तर : हम करीब पांच माह लेट हैं। एक दिन की देरी करीब 80 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च करा देगी। नवंबर 2021 से मेट्रो का ट्रायल रन कराने का प्रयास है। काम तेज करके रोज 80 लाख बचाने का प्रयास हो रहा है।

  • प्रश्न : ट्रायल रन के दौरान भी अनुमति मिलने में काफी समय लग जाता है।

    उत्तर : रेल मंत्रालय की उच्चस्तरीय टीमें मेट्रो की विभिन्न तरह से सुरक्षा जांच करती हैं। अलग-अलग स्पीड पर मेट्रो को चलाकर देखा जाता है। उनके पूरी तरह संतुष्ट होने पर ही यात्रियों के लिए मेट्रो चलाने की अनुमति मिलती है। इसमें कुछ समय जरूर लगता है।

  • प्रश्न : मेट्रो ने यात्री सेवाएं शुरू करने के लिए 30 नवंबर 2021 का लक्ष्य तय किया था। काम समय पर खत्म हो जाए, इसके लिए क्या हो रहा है।

    उत्तर : हम जिस तेजी से काम कर रहे हैं, यह दिखावे के लिए नहीं, हमारे लिए जरूरी है। लखनऊ में रोज 50 लाख रुपये का खर्च आ रहा था। वहां 36 दिन पहले कार्य खत्म कर लिया था। इस तरह मेट्रो चलाए बिना ही 18 करोड़ रुपये कमा लिए थे। यहां भी हमने अपनी पूरी ताकत लगाई हुई है।

  • प्रश्न : अगर समय पर कार्य खत्म नहीं हुआ तो क्या मुश्किलें आएंगी।

    उत्तर : समय पर काम खत्म नहीं होने पर हमारे पास फंड नहीं बचेगा। ऐसा होने पर किसी न किसी वित्तीय संस्थान से अतिरिक्त कर्ज लेना होगा, जो नुकसानदायक होगा। उसे लौटाना ही होगा, जो हमारा अतिरिक्त खर्च होगा।

  • प्रश्न : कानपुर की मेट्रो में ऐसा क्या फीचर होगा, जो अभी दूसरी जगह नहीं है।

    उत्तर : दूसरी जगह मेट्रो के ऊपर तार से करंट दिया जाता है। कानपुर में मेट्रो को बिजली सप्लाई के लिए थर्ड रेल रहेगी। मेट्रो के ऊपर कोई वायर नहीं रहेगा। ट्रैक के बगल में वायर चलेगा, जिससे मेट्रो को बिजली का करंट मिलेगा।


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