बांदा में मूसलाधार बारिश से कच्चा मकान ढहा, सोते समय किसान मलबे में दबा
मलबा हटाकर उन्हेंं बाहर निकाला। पत्नी ने बताया कि रात में तेज बारिश हो रही थी। मना करने के बाद भी पति दूसरे मकान में सोने चले गए थे। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। वह अपनी चार बीघा जमीन में खेती करके परिवार का भरण-पोषण करते थे
बांदा, जेएनएन। बांदा में मूसलाधार बारिश के चलते कच्चा मकान ढहने से किसान की दबकर मौत हो गई। वह सुबह तक मलबे के नीचे दबे रहे। स्वजन शव देखकर बेहाल हैं। घटना की सूचना पुलिस को दी गई है।
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम जलालपुर का मजरा गौरा निवासी 60 वर्षीय किसान श्रीपाल यादव शुक्रवार रात खाना खाने के बाद अपने दूसरे मकान में सोने चले गए थे।
देर रात तेज बारिश होने से कच्ची दीवार व कमरे का छप्पर उनके ऊपर ढह गया। पूरी रात मलबे में दबे रहने से उनकी मौके पर मौत हो गई। शनिवार सुबह जब उनकी पत्नी गिरिजा देवी जगीं तो उन्हेंं मकान के मलबे में दबा पाया। पत्नी के बिलख कर रोने से अन्य स्वजन व पड़ोसियों को मामले की जानकारी हुई।
भागकर सभी ने किसी तरह मशक्कत के बाद मलबा हटाकर उन्हेंं बाहर निकाला। पत्नी ने बताया कि रात में तेज बारिश हो रही थी। मना करने के बाद भी पति दूसरे मकान में सोने चले गए थे। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। वह अपनी चार बीघा जमीन में खेती करके परिवार का भरण-पोषण करते थे। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी उप जिला अधिकारी अवधेश कुमार व पुलिस को दी। इसमें एसडीएम ने राजस्व निरीक्षक अविनाश तिवारी व लेखपाल को भेजकर मौका मुआयना कराया है। कोतवाली निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि शव कब्जे में लेकर लिखा-पढ़ी की कार्रवाई पूरी की गई है। बताते चलें कि जुलाई व अगस्त माह में बारिश की वजह से कच्चे व पक्के मकानों के ढहने की घटनाएं जोर पकड़े हैं। अब तक करीब 18 मकान व दीवार ढहने की घटनाएं हो चुकी हैं। बारिश से गीले मकान व दीवार गिरने का सिलसिला थम नहीं रहा है।