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कृष्णा अस्पताल ने जमा कराए आठ लाख रुपये, मुकदमा

कोरोना संक्रमितों के इलाज की दरें शासन स्तर से निर्धारित हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 02:11 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 02:11 AM (IST)
कृष्णा अस्पताल ने जमा कराए आठ लाख रुपये, मुकदमा
कृष्णा अस्पताल ने जमा कराए आठ लाख रुपये, मुकदमा

जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना संक्रमितों के इलाज की दरें शासन स्तर से निर्धारित हैं। बावजूद इसके कुछ निजी अस्पतालों में उपचार के नाम पर लूट हो रही है। पहले फैमिली हॉस्पिटल में ओवर बिलिग पकड़ी गई थी अब टाटमिल स्थित कृष्णा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में मामला पकड़ में आया है। फतेहपुर के एक मरीज के उपचार के लिए अस्पताल प्रबंधन ने आठ लाख रुपये जमा कराने के बाद और धनराशि की मांग की। इसी तरह एक अन्य मरीज को 4.85 लाख रुपये का बिल दिया गया। तीमारदार ने पूरी राशि जमा नहीं की तो शव रोक लिया गया। शिकायत के बाद एसीएम प्रथम ने शव दिलवाया। जांच में ओवरबिलिग पकड़ में आने पर अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध रेल बाजार थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

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कृष्णा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ओवरबिलिग की शिकायत आ रही थी। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन पर प्रशासन की निगाह थी। 11 मई को केशव नगर निवासी विकास मिश्रा ने एडीएम सिटी अतुल कुमार को फोन कर बताया कि उनके पिता कोरोना संक्रमित थे और उनका उपचार कृष्णा अस्पताल में चल रहा था। उनकी डेथ हो गई है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन शव नहीं दे रहा है क्योंकि पूरे बिल का भुगतान नहीं किया गया है। अस्पताल प्रबंधन ने जो बिल बनाया है वह शासन द्वारा तय बिल से ज्यादा है। एडीएम सिटी ने एसीएम प्रथम आरपी वर्मा व एसीएमओ डॉ. एपी मिश्रा को भेजा। जांच टीम ने वहां जाकर विकास को पिता का शव दिलवा दिया। साथ ही उनके बयान दर्ज किए। विकास के आरोपों की जांच के लिए जब बिल बाउचर निकलवाए गए तो पता चला कि उपचार के लिए कुल 4,85,417 रुपये का बिल बनाया गया है। विकास ने दो लाख 45 हजार रुपये जमा कर दिए हैं और 2,40,817 रुपये बाकी हैं। जांच में यह बात सामने आई कि बिल में पैथोलॉजी चार्जेज, साधारण चार्जेज, फार्मेसी चार्ज, एक्सरे चार्ज लगाए गए हैं, जबकि शासन ने स्पष्ट कहा है कि ये चार्ज पैकेज में ही शामिल हैं। जांच टीम ने इस बिल को ओवरबिलिग माना। वहीं भर्ती फतेहपुर निवासी शारदा देवी के पति रमाकांत पांडेय से एसीएम ने बात की। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी 19 अप्रैल से भर्ती हैं। अब तक आठ लाख रुपये वह जमा कर चुके हैं, लेकिन उनसे और रुपये की मांग की जा रही है। रमाकांत की शिकायत भी सही पाई गई। एसीएम और एसीएमओ द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट पर एडीएम सिटी ने मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। इसके बाद अस्पताल के व्यवस्थापक के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

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एसीएम प्रथम की तरफ से अस्पताल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिन अस्पतालों में ओवरबिलिग की शिकायत सही मिलेगी, उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

आलोक तिवारी, डीएम


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