ओमिक्रोन पर आइआइटी प्रो. मणींद्र अग्रवाल का गणितीय माडल, जानिए- भारत में कब होगा चरम
आइआइटी के प्रोफेसर पद्मश्री मणींद्र अग्रवाल ने गणितीय माडल से ओमिक्रोन पर आकलन निकाला है उनके मुताबिक से इस वैरिएंट से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। दक्षिण अफ्रीका में 18 दिसंबर के बाद और भारत में फरवरी में पीक पर पहुंचने की आशंका हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट पर अध्ययन कर रहे आइआइटी के वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने दक्षिण अफ्रीका में 18 से 23 दिसंबर तक ओमिक्रोन के पीक पर आने का आकलन किया है। उनके मुताबिक, उन्हें दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण का डाटा मिल गया है, उसी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। यह वायरस कितना खतरनाक है, यह लोगों पर होने वाले असर से पता लगेगा।
प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने गणितीय माडल के आधार पर तीन दिन पहले बताया था कि अपने देश में कोरोना की तीसरी लहर अगले माह जनवरी के शुरुआत में आ सकती है। हालांकि, अब तक के डाटा के आधार पर उन्होंने इसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना। उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट पूर्व में आए डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा तेजी से फैल रहा है, लेकिन वह लोगों में विकसित हो चुकी नेचुरल इम्युनिटी सिस्टम को बाईपास नहीं कर सका है। इसके चलते कोरोना की दूसरी लहर की तरह इस बार लोगों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी प्रो. मणींद्र ने कोरोना की दूसरी लहर के आने के संभावित समय को बताया था। उनके द्वारा तैयार किए गए डाटा के आधार पर ही कोरोना संक्रमण में उतार चढ़ाव देखने को मिला था। अब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के डाटा के आधार पर बताया है कि वहां 18 दिन बाद कोरोना का नया वैरिएंट पीक पर होने की आशंका है। वहीं, भारत में यह फरवरी में पीक पर हो सकता है।