PM Modi in Kanpur : प्रधानमंत्री के कानपुर में मां गंगा का हाल देखने की दस अहम वजह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर आकर एनएमसीजी की बैठक में हिस्सा लिया और अटल घाट पर मां गंगा का हाल देखा।
By AbhishekEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 05:44 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 05:44 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। वैसे तो गंगा मइया उत्तराखंड गोमुख से निकलकर गंगा सागर पश्चिम बंगाल में समुद्र में गिरती हैं। लेकिन, ऐसी क्या वजह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे मिशन के तहत हुए अबतक हुए कार्यों के बाद गंगा की निर्मलता और अविरलता का जायजा लेने के लिए कानपुर को चुना। तो आइए बताते हैं कि कानपुर में गंगा क्यों खास है और नेशनल गंगा काउंसिल की पहली बैठक के लिए कानपुर ही क्यों चुना गया।
- गोमुख से निकलने के बाद गंगा सर्वाधिक कानपुर में प्रदूषित थी, नमामि गंगे परियोजना के तहत यहां गंगा सफाई सबसे ज्यादा काम हुआ है।
- कानपुर में ही 128 साल से सीसामऊ नाले का 20 एमएलडी सीवेज गंगा में गिर रहा था, जिसे नमामि गंगे मिशन के तहत टैप कर दिया गया।
- नेशनल गंगा क्लीन मिशन (एनएमसीजी) द्वारा गंगा स्वच्छता के लिए अबतक हुए कार्यों की हकीकत परखने के लिए।
- एनएमसीजी की पहली बैठक में गंगा और सहायक नदियों के लिए नए एक्शन प्लान पर चर्चा करना था। यह प्लान 15 साल के हिसाब से तैयार किया जा रहा है।
- कई वर्ष पुराने सीसामऊ नाले को बंद करके सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है।
- बिठूर से जाजमऊ तक जीर्णक्षीर्ण हो चुके 24 घाटों और तीन शवदाह घाटों का पुनर्निर्माण कराया जाना।
- गंगा बैराज के पास पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से 17 करोड़ से अटल घाट का निर्माण कराया गया।
- कानपुर में बीस करोड़ की लागत से 20 एमएलडी के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना।
- घाटों और गंगा नदी की सफाई के लिए विशेष अभियान की शुरुआत।
- -गोमुख, हरिद्वार और वाराणसी के बाद मां गंगा का सर्वाधिक महत्व कानपुर में माना गया है।
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